पश्चिम बंगाल में वैश्विक महोत्सव की तरह मनाई जाने वाली दुर्गा पूजा राजनीतिक दलों के लिये जनसंपर्क और प्रभाव विस्तार की एक अहम अवसर होता है। पूजा के आयोजन से लेकर उद़घाटन और फिर विसर्जन तक में राजनीतिक दलों अथवा उनके कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका रहती है। पूजा उद़घाटन में राजनीतिक नेताओं की सक्रियता सबसे अधिक देखी जाती है। जाहिर तौर पर एक बार फिर दुर्गा पूजा में सभी राजनीतिक पार्टियां जनसंपर्क बढ़ाने की अपनी मुहिम को गति देने के लिये तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। स्वाभाविक रूप से इस मामले में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस अन्य दलों से आगे है लेकिन मुखअय विपक्षी भारतीय जनता पार्टी भी इस जद्दोजहद में पीछे नहीं रहना चाहती हिलाजा, पार्टी के प्रदेश स्तर के सभी बड़े नेता पिछले कुछ समय से बेहद सक्रिय नजर आ रहे हैं। दरअसल किस पूजा पंडाल का उद्घाटन कौन सा शख्सियत करता है यह उस पूजा समिति के रुतबे को दिखाता है। पश्चिम बंगाल में फिलहाल सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी और इसमें बाकी राजनीतिक दलों पर भारी हैं। महालया से तीन दिनों पहले ही उन्होंने दुर्गा पूजा पंडालों का उद्घाटन शुरू कर दिया था और आज चतुर्थी के पहले तक 50 से अधिक दुर्गापूजा पंडालों का उद्घाटन कर चुकी हैं। खास बात यह है कि इस बार न केवल कोलकाता बल्कि जिलों में भी सैकड़ों दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हाथों होना है जिसकी सूची प्रशासन खुद बना रहा है।
दूसरी ओर भाजपा भी भरपूर कोशिश कर रही है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी, सुकांत मजूमदार सहित पार्टी के अन्य नेता जिले के कई पूजा पंडालों का उद्घाटन कर चुके हैं। गत रविवार को शुभेंदु अधिकारी ने दुर्गा पूजा समिति की ओर से आयोजित हुए वस्त्र वितरण समारोह में शिरकत की थी। मिथुन चक्रवर्ती ने पूजा पंडाल का उद्घाटन किया है। न केवल कोलकाता बल्कि जिलों में भी लगातार दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन भाजपा नेता कर रहे हैं।