मामला विशंभरपुर थाना क्षेत्र के बलुवन सागर गांव का है। जहां बुधवार देर शाम पिता-पुत्र पर चाकू से हमला किया गया। घायल शख्स का नाम अभिषेक गिरी और उनके पिता का नाम तारकेश्वर गिरी है। सारण डीआईजी नीलेश कुमार ने इस मामले में बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि अभिषेक गिरी पश्चिम बंगाल पुलिस में डीएसपी नहीं हैं, बल्कि उन्होंने झूठा परिचय देकर पुलिस को गुमराह किया था। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि अभिषेक गिरी ने पुलिस को जानकारी दी थी कि वे पश्चिम बंगाल में साइबर डीएसपी के पद पर तैनात हैं और छठ पूजा की छुट्टी में घर आए थे। उन्होंने बताया था कि अपने पिता के साथ बाजार से सब्जी खरीदकर लौटने के दौरान कुछ लोगों से कहासुनी हुई, जिसके बाद उन पर चाकू से हमला कर दिया गया। घटना के बाद दोनों को सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
फिलहाल पुलिस ने हमलावरों की पहचान कर ली है और जल्द गिरफ्तारी की बात कही है। इस बीच, मधुबनी जिले के बासोपट्टी थाना क्षेत्र के मनमोहन गांव से भी गोलीकांड की खबर आई है। यहां बदमाशों ने एक युवक को गोली मार दी। घायल युवक को गंभीर हालत में डीएमसीएच रेफर किया गया है, जबकि पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल गोपालगंज के फर्जी डीएसपी प्रकरण ने पुलिस विभाग में हलचल मचा दी है। जांच जारी है कि अभिषेक गिरी ने खुद को डीएसपी बताकर किस मकसद से यह झूठा दावा किया था।