बचेली में एनएमडीसी की लौह अयस्क खदान में सुरक्षा पर तैनात सीआईएसएफ जवानों की एक एके 47 रायफल और 30 राउंड कारतूस शुक्रवार को चोरी हो गए थे। पुलिस की तफ्तीश में आरोपी 24 घंटे के अंदर पकड़ा गया। हथियार चुराने वाला यह शख्स सुरक्षा में तैनात इन्हीं जवानों का साथी निकला। उसे गिरफ्तार किया गया है। जवान मूल रूप से तमिलनाडु का रहने वाला था। उससे हथियार और कारतूस बरामद कर लिए गए हैं। इसी के साथ इस जवान के बारे में और भी कई खुलासे हुए हैं। दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद सभी सीसीटीवी फूटेज को स्कैन किया गया। इस दौरान एक फूटेज में चार जवान सामान लेकर बाहर जाते नजर आए। यह जवान छुट्टी पर जा रहे हैं, ऐसा बताया गया। इन जवानों से पूछताछ की गई।कॉन्स्टेबल पनीशरण के बैग की जब तलाशी ली गई तो उसमें गन का ऑयल और कपड़ा मिला। इसके बाद उससे सख्ती से पूछताछ करने पर उसने गन चुराना स्वीकार कर लिया। पहले उसने बताया कि वह गन बिलासपुर में एक ठेकेदार को बेच चुका है। इसके बाद जब और ज्यादा पूछताछ हुई तो उसने बताया कि बिलासपुर में एनटीपीसी सीपत के अहाते के बाहर घनी झाड़ियों में उसने गन छिपाई है। उसने बताया कि वह इस गन को लेकर तमिलनाडु जाना चाहता था। जहां कुछ लोगों से उसकी पारिवारिक दुश्मनी थी। वह उनकी हत्या करना चाहता था। आरोपी जवान के सर्विस रिकॉर्ड खंगालने पर पता चला कि साल 2011 में नियम विरुद्ध कार्यशैली की वजह से उसे बीएसएफ से नौकरी से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद उसने इस बात को छिपाते हुए साल 2012 में सीआईएसएफ में नौकरी ज्वाइन कर ली। उसके फोन खंगालने पर कई महिलाओं और लड़कियों से बातचीत के रिकॉर्ड मिले हैं। इसके साथ ही उसके नाम से कई बैंक खाते हैं और आय से कहीं अधिक खर्च का रिकॉर्ड मिला है।