ओडिशा में जन्मे माइकल देवव्रत पात्रा को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नए डिप्टी गवर्नर के रूप में केंद्र सरकार ने नियुक्त किया है। वह इस पद से इस्तीफा देने वाले विरल आचार्य का स्थान लेंगे। पात्रा आरबीआई के चौथे डिप्टी गवर्नर होंगे और उनके पास भी आचार्य की तरह ही मौद्रिक नीति मामला रहने की उम्मीद है। पात्रा का कार्यकाल तीन साल का होगा। नये डिप्टी गवर्नर पहले मौद्रिक नीति विभाग में कार्यकारी निदेशक के पद पर रह चुके हैं। वह मौद्रिक नीति समीति (MPC) के सदस्य भी हैं। पिछले तीन नीतिगत बैठकों में पात्रा ने अर्थव्यवस्था की गति को तेजी देने के लिए ब्याज दर में कटौती का समर्थन किया था। माइकल पात्रा ने आईआईटी मुंबई से इकोनॉमिक्स में पीएचडी किया है। अक्टूबर, 2005 में मौद्रिक नीति विभाग में भेजे जाने से पहले पात्रा आर्थिक विश्लेषण विभाग में सलाहकार थे। पात्रा वर्ष 1985 में रिजर्व बैंक से जुड़े थे और तब से कई पदों पर काम कर चुके हैं। वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के फेलो रह चुके हैं। वहां उन्होंने वित्तीय स्थिरता को लेकर पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च किया था। रिजर्व बैंक में पात्रा के अलावा एनएस विश्वनाथन, बीपी कानूनगो और एमके जैन के रूप में पहले से तीन डिप्टी गवर्नर हैं। शक्तिकांत दास आरबीआई के गवर्नर हैं।
इस बीच, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आरबीआई के नए डिप्टी गवर्नर के रूप में नियुक्त होने पर पात्रा को बधाई दी है। मुख्यमंत्री पटनायक ने ट्वीट कर कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के रूप में नियुक्त होने पर ओडिशा में जन्मे माइकल देवव्रत पात्रा को बधाई। नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं।
उल्लेखनीय है कि इस समय आरबीआई के गवर्नर और डिप्टी गवर्नर दोनों ओडिशा के हैं। ओडिशा के शक्तिकांत दास आरबीआई गवर्नर के रूप में कार्य कर रहे हैं। वह तमिलनाडु कैडर के 1980 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं।