छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा ने नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में दो दिन दौरा किया। उन्होंने बीजापुर जिला कार्यालय के इन्द्रावती सभागार में बीजापुर और सुकमा जिले के जनप्रतिनिधियों, पंचायत प्रतिनिधियों, सरपंचों, समाज प्रमुखों, मांझी, चालकी, गायता, पुजारी और पटेलों से संवाद किया। डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि बस्तर में शांति व्यवस्था और विकास छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि बस्तर में अब केवल बंदूक की गूंज नहीं, बल्कि शिक्षा, रोजगार, सड़क, स्वास्थ्य और खुशहाली की गूंज सुनाई देनी चाहिए।गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री और केन्द्रीय गृहमंत्री ने सशस्त्र नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए 31 मार्च 2026 तक की समयसीमा तय की है। उसी दिशा में राज्य सरकार 'पुनर्वास नीति 2025' के तहत बड़ी संख्या में माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में वापस ला रही है।
विजय शर्मा ने बताया कि बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिलों में लगातार आत्मसमर्पण की प्रक्रिया चल रही है। हाल ही में जगदलपुर में 210 माओवादी हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौट चुके हैं, जिनमें 92 युवा बीजापुर जिले के हैं। ये सभी पुनर्वास केंद्र में रहकर कौशल विकास की ट्रेनिंग ले रहे हैं ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। विजय शर्मा ने पुनर्वास केंद्र का दौरा कर इन युवाओं से मुलाकात की और कहा कि सरकार उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए हरसंभव सहयोग करेगी। विजय शर्मा ने यह भी कहा कि जो भटके हुए युवा समाज में लौटना चाहते हैं, उनके लिए सरकार ने लाल कालीन(रेड कार्पेट) स्वागत नीति बनाई है। जो हिंसा का मार्ग छोड़ देंगे, उन्हें सम्मानजनक जीवन और सुरक्षित भविष्य दिया जाएगा। लेकिन जो हथियार उठाए रखेंगे, उनके विरुद्ध सुरक्षा बल अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे।
गृहमंत्री ने बताया कि उन्होंने बीजापुर प्रवास के दौरान पूर्वर्ती गांव में नक्सल लीडर हिड़मा की बुजुर्ग मां से भी मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि वे अपने बेटे को हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित करें।