महानगर सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में नकली दूध के कारोबार की खबरों के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने इसे बंद करने के लिए कमर कस ली है। राज्य सरकार ने नकली दूध कारोबार करनेवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है और साथ ही अब दूध उत्पादन पर लगातार नजर रखने की योजना बनायी है। यह जानकारी राज्य के पशुपालन विभाग के मंत्री स्वपन देवनाथ ने दी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था फुड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया व राज्य सरकार ने मिल कर जहां-जहां भी दूध का उत्पादन होता है, वहां कड़ी निगरानी की जाएगी। उन्होंने बताया कि नकली दूध कारोबार की घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। वहीं, राज्य में दूध उत्पादन के संबंध में श्री देवनाथ ने बताया कि राज्य में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष दूध के उत्पादन में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पहले राज्य के 100 ब्लॉकों में गौ-संपदा का विकास हुआ था, अब राज्य के 341 ब्लॉक में गौ-संपदा का विकास व दूध उत्पादन शुरू हुआ है। लगभग 38.56 लाख गायों का कृत्रिम प्रजनन कराया गया, इससे राज्य में दूध का उत्पादन 53.87 लाख मेट्रिक टन बढ़ा है। उन्होंने बताया कि मदर डेयरी व विभिन्न दूध उत्पादन करनेवाली संस्थाओं से राज्य सरकार ने तीन करोड़ 23 लाख 78 हजार 88 किलो कच्चा दूध का संग्रह किया है और वहीं, ग्वालों को लगभग 46.95 लाख रुपये का इंसेंटिव प्रदान किया गया है। नकली दूध की जांच के लिए केंद्र सरकार के खाद्य सुरक्षा संस्था के साथ राज्य के पशुपालन विभाग मिल कर कार्य करने जा रही है।