बुढ़ापारा में सरकार बनाएगी विवेकानंद को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक, जंहा बिता था स्वामी विवेकानंद बचपन के दो साल

  • Jan 12, 2020
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रायपुर, 12 जनवरी

 छत्तीसगढ़ की राजधानी में स्वामी विवेकानंद की याद में राष्ट्रीय स्मारक बनाया जाएगा। यह बातें 30 साल पहले चर्चा में आईं थी, मगर अब यह सच साबित होती दिख रही हैं। अब तक किसी न किसी वजह से स्मारक बनाने का काम रुका ही हुआ था। दरअसल रायपुर में जहां स्वामी विवेकानंद रहे थे, वह स्थान रायबहादुर भूतनाथ डे चेरिटेबल ट्रस्ट  के अधीन है। उचित व्यवस्थापन तय न हो पाने की सूरत में यहां कुछ भी काम अब तक नहीं हो सका था। मगर अब 2 जनवरी को हुए कैबिनेट के फैसले में ट्रस्ट को जमीन और भवन देने के मुद्दे पर निर्णय लिया गया। ट्रस्ट को नगर निगम के पास मौजूद भूमि में स्थान दिया जाएगा। वर्तमान में ट्रस्ट स्कूल भी चला रहा है, इन्हें नया स्कूल भी बनाकर दिया जाएगा ताकि बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो। 

मौजूदा स्थिति

जिला प्रशासन और ट्रस्ट से मिली जानकारी के मुताबिक ट्रस्ट को जमीन दिए जाने को लेकर हर स्तर पर बात-चीत हो चुकी है। जल्द ही इसकी प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। ट्रस्ट के राजेंद्र बैनर्जी ने बताया कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि जहां स्वामी जी रहे, उस जगह पर सरकार स्मारक बनाना चाहती है। हमनें अपनी शर्तें सरकार के सामने रखीं हैं, जिस पर वह राजी भी हैं। हमें उन्हें जगह देने में कोई समस्या नहीं है। जानकारी के मुताबिक यहां स्मारक बनाए जाने की कोशिशें राज्य विभाजन के पहले से की जा रही हैं। 1988 के दौर में जब अर्जुन सिंह मुख्यमंत्री थे तब भी इस भवन को संरक्षित करने की कोशिशें हुईं मगर बात नहीं बनी। इसके बार हर बार प्रयास होते रहे मगर कामयाबी नहीं मिल सकी थी। 

यह होगा स्मारक में 

संस्कृति विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक यहां स्वामी विवेकानंद से जुड़ी पुस्तकें, उनके रायपुर आने की घटनाओं का चित्रण, उनके भाषण, विवेकानंद के अनमोल विचार और उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को दिखाती गैलेरी बनाई जा सकती है। चूंकि फिल्हाल भवन को खाली कराए जाने की प्रक्रिया होनी है, इसके बाद यह प्रोजेक्ट और भी चीजों को शामिल कर शुरू किया जाएगा। भवन के खाली होने के बाद इसके ढांचे को पुरातत्व विभाग के एक्सपर्ट वैसे ही सहेजेंगे जैसा यह सालों पहले हुआ करता था। 

रायपुर में स्वामी विवेकानंद 

रायपुर में स्वामी विवेकानंद ने सन 1877 से 1879 के बीच अपना बचपन बिताया था। रायपुर का एयरपोर्ट हो या प्रमुख तालाब यह विवेकानंद के नाम पर किए जाने के पीछे की असल वजह है। रायपुर के रामकृष्ण मिशन से मिली जानकारी के मुताबिक सन् 1877 ई. में स्वामी विवेकानंद रायपुर आये । तब उनकी आयु 14 वर्ष की थी और वे मेट्रोपोलिटन विद्यालय की तीसरी श्रेणी (आज की आठवीं कक्षा के समकक्ष) में पढ़ रहे थे । उनके पिता विश्वनाथ दत्त तब अपने  काम की वजह से तब रायपुर में ही रह रहे थे ।

विवेकानंद अपने छोटे भाई महेन्द्र, बहन जोगेन्द्रबाला तथा माता भुवनेश्वरी देवी के साथ कलकत्ता से रायपुर के लिये रवाना हुए । तब ट्रेन की सुविधा रायपुर तक नहीं थी।  माना जाता है कि तब वह जबलपुर तक ट्रेन से आए इसके बाद रायपुर बैलगाड़ी से आए। इस यात्रा में 15 दिनों का वक्त लगा। 

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