राजधानी भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम में चल रहे हॉकी विश्व कप के सेमीफाइनल में प्रवेश करने के लिए गुरूवार को भारतीय टीम मैदान में उतरेगी। 43 साल के वनवास को खत्म करने के लक्ष्य से आज मनप्रीत सिंह की अनुवाई वाली भारतीय हॉकी टीम का क्वार्टर फाइनल में नीदरलैंड के साथ होगा।
1975 में कुआलालंपुर में विश्व विजेता बनने के बाद से भारतीय टीम कभी अंतिम चार में नहीं पहुंचीं। अब हरेन्द्र की टीम के पास घर में नई इबारत लिखने का सुनहरी मौका है। हालांकि भारतीय टीम के लिए नीदरलैंड की चुनौती से पार पाना इतना आसान नहीं होगा।
तीन बार के चैंपियन नीदरलैंड ने पिछले दो मैचों में दस गोल दागकर अपने आक्रामक तेवर जाहिर कर दिए हैं। कलिंगा स्टेडियम में दर्शकों को भारत के युवा तुर्कों के जोश और गत उपविजेता नीदरलैंड के अनुभव के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिलेगा। भारतीय टीम स्ट्रक्चर के साथ बेखौफ आक्रामक हॉकी खेल रही है। यही भारत की ताकत है।
भारतीय कोच हरेन्द्र सिंह और नीदरलैंड के कोच मैक्स कालडाज की रणनीति की बिसात भी कसौटी पर होगी। दुनिया की पांचवें नंबर की टीम भारत और चौथे नंबर की नीदरलैंड के बीच दिन विशेष, जो टीम मौकों को ज्यादा भुनाएगी जीत उसी को मिलेगी। हरेन्द्र का मंत्र है गोल करो, मौके बनाओ और पेनाल्टी कॉर्नर के मौके बनाओ।
भारत अब तक विश्व कप में नीदरलैंड के खिलाफ हुए छह मुकाबलों में से एक भी नहीं जीत पाया है। युवा भारतीय टीम के पास इस मिथक को तोड़कर जीत के साथ नई इबारत लिखने का मौका है। दोनों के बीच हुए पिछले पांच मैचों में से दोनों ने दो-दो जीते हैं। ब्रेडा में अंतिम बार चैंपियंस ट्रॉफी में दोनों आखिरी बार आमने-सामने हुए थे और मुकाबला बराबरी पर छूटा था।