मुजफ्फरपुर बालिका गृह में लड़कियों के यौन और शारीरिक उत्पीड़न के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की उस याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है जिसमें उसने दावा किया था कि मामले में गवाहों की गवाही भरोसे लायक नहीं है। क्योंकि हत्या के मामले में बच्चियों का दावा गलत साबित हो चुका है। इसलिए पूरे मामले पर नए सिरे विचार की जरूरत है। इस मामले से जुड़े एक वकील ने कहा कि बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि आश्रय गृह में यौन हमले का मामला और कुछ लड़कियों की कथित हत्या का मामला अलग-अलग है। सीबीआई ने भी अपने जवाब में कहा कि उसने कथित हत्या के मामले में आरोपी को अभी क्लीन चिट नहीं दी है।