विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के दौरान चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के ऐसे 2,208 बूथों की पहचान की है, जहां एक भी मृत, दोहरा या स्थानांतरित मतदाता का नाम दर्ज नहीं है। ये आंकड़ा सोमवार शाम तक का है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर के एक अधिकारी के अनुसार, सबसे अधिक ऐसे बूथ दक्षिण चौबीस परगना जिले में मिले हैं, जिनकी संख्या 760 है। दूसरे स्थान पर पुरुलिया है, जहां ऐसे 228 बूथ हैं। तीसरे और चौथे स्थान पर अल्पसंख्यक बहुल मुर्शिदाबाद और मालदा जिले हैं, जिनके आंकड़े क्रमशः 226 और 216 हैं। इसके अलावा, पूरे राज्य में ऐसे 582 बूथ मिले हैं, जहां सिर्फ एक मामला सामने आया है — चाहे वह मृत मतदाता का हो, दोहरे नाम का हो या स्थानांतरित मतदाता का। वहीं 420 बूथों पर ऐसे 2 मामलों की पहचान हुई है।
इसी बीच भारतीय जनता पार्टी ने इस पूरे मामले पर गंभीर संदेह जताया है। उनका कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर ‘शून्य’ त्रुटि वाले बूथ मिलना संदिग्ध है। कोलकाता नगर निगम के पार्षद और भाजपा नेता सजल घोष ने कहा कि यह आंकड़ा भरोसेमंद नहीं लगता। इन बूथों से एकत्र किए गए पंजीयन फॉर्म का तत्काल पुनरीक्षण होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने भी मतदाता सूची में 1.25 करोड़ नाम दर्ज होने को संदिग्ध बताया है और इसके ऑडिट की मांग की है।