ठंड के मौसम में बढ़ते कोहरे से अब ट्रेन लेट नहीं होगी। इसके लिए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) रेलगाड़ियों में एक पोर्टेबल डिवाइस लगा रहा है, जिसे फॉग पास कहते हैं। एनएफआर के प्रवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी। एनएफआर के मुख्य प्रवक्ता प्रणव ज्योति शर्मा ने कहा कि यह एक किफायती ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) आधारित डिवाइस है, जिसे कम दृश्यता की स्थिति में प्रयोग किया जाएगा, जब रेल गाड़ियों को निर्धारित गति पर चलाना जोखिमभरा हो जाता है। शर्मा ने कहा, "यह डिवाइस एक ऑडियो विजुअल नेविगेशन सहायक है, जो आने वाले सिगनलों के नाम और दूरी दिखाता है, साथ ही ट्रैक के अन्य लैंडमार्क्स जैसे लेवल क्रॉसिंग गेट्स आदि की भी जानकारी देता है।" उन्होंने कहा, "साथ ही यह वास्तविक समय में बोलकर मार्गदर्शन भी प्रदान करता है।" उन्होंने कहा, "इसका वजन डेढ़ किलो से कम है और रिचार्जेबल लि-यॉन बैटरियों से चलता है तथा एक बार चार्ज करने पर 18 घंटों तक काम करता है।"
इस डिवाइस को उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा समिति (काकोदकर समिति) की अनुशंसा पर लगाया गया है, जिसका गठन भारतीय रेल ने साल 2011 में किया था। इस समिति ने कुल 106 सिफारिशें की हैं, जिसमें से 68 सिफारिशों को लागू करने पर रेलवे तैयार हुआ है और 19 को आंशिक रूप से लागू किया जाएगा। भारतीय रेल समिति की 22 सिफारिशों को पहले ही लागू कर चुकी है।