राजस्व संग्रह में आयी रिकॉर्ड गिरावट, केंद्र की मदद के बिना वेतन- पेंशन पर भी आफतः रामेश्वर उरांव

  • Apr 08, 2020
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रांची,08 अप्रैलः

झारखंड न सिर्फ कोरोना से जूझ रहा बल्कि अपने आर्थिक तंगी से भी गुजर रहा है। राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने संकेत दिए हैं कि केंद्र की मदद नहीं मिली तो वेतन - पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षा में दिए जाने वाली राशि पर भी संकट आ सकते हैं। उन्होंने बताया कि राजस्व संग्रह में रिकॉर्ड कमी आयी है। विगत 4 महीने से जीएसटी का हिस्सा भी नहीं मिला है। 31 मार्च को खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष के इनकम टैक्स से राज्य को कोई हिस्सेदारी अब तक नहीं मिल पायी है। केंद्र से कोरोना मद में 284 करोड़ की राशि मिली है, जो उसके लिए खर्च किये जा रहे। उन्होंने कहा है कि केंद्र थोड़ी उदारता दिखाएं और झारखंड को भरपूर सहयोग करे।.मंत्री रामेश्वर उरांव ने संकेत दिए हैं कि झारखंड सरकार लॉक डाउन की मियाद बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि 11 अप्रैल को स्थिति की समीक्षा की जाएगी, उसके बाद ही इस पर कोई निर्णय दिए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त झारखंड के लिए और बुरा हो सकता है। प्रवासी मजदूर जब अपने घर लौटेंगे तब उन्हें अतिरिक्त अनाज देने पड़ेंगे। राज्य में खेतिहर मजदूर और किसानों की स्थिति बेहद नाजुक है। झारखंड की अर्थव्यवस्था कृषि पर ही निर्भर है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कुछ इलाकों में सख्ती बढ़ाई जा सकती है और कुछ इलाकों को सोशल डिस्टेंसिंग पर छोड़ा जा सकता है।

झारखंड में कोरोना के 4 मरीज पाए गए हैं और लगभग 200 लोगों की रिपोर्ट का इंतजार है। वहीं मंत्री रामेश्वर उराँव ने कहा की झारखंड में अभी स्थिति भयावह नहीं हुई है, इसलिए सभी चीजों को ध्यान में रखकर ही निर्णय लिए जाएंगे। लॉक डाउन के दौरान लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए इसके लागू रखने पर पूरे सोंच विचार किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के पास पर्याप्त खाद्यान्न है और लाभुकों को अतिरिक्त राशन बांटे जा रहे।

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