तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर राय ने पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी को पत्र लिखकर अपनी गलतियों को स्वीकार किया और पार्टी के प्रति वफादारी का वादा किया। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें माफ कर दिया और बुधवार को पार्टी की संसदीय बैठक में शामिल होने का न्योता दिया है। सुखेंदु शेखर राय ने हाल ही में आरजी कर मेडिकल कॉलेज प्रकरण पर सोशल मीडिया में कई विवादास्पद पोस्ट और बयान दिए थे, जिससे पार्टी और राज्य सरकार असहज थी। उन्होंने महिला सुरक्षा से संबंधित एक आंदोलन का समर्थन करते हुए पोस्ट किए थे, जिसमें उन्होंने कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त विनीत गोयल पर भी तीखे सवाल उठाए थे। इन पोस्टों के कारण कोलकाता पुलिस ने उन्हें तलब किया लेकिन वह पुलिस के समक्ष पेश नहीं हुए। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की और अदालत में स्वीकार किया कि उन्होंने गलत जानकारी साझा की थी। पार्टी और राज्य सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए उनकी तीखी आलोचना हुई।
हालात को सुधारने के लिए सुखेंदु ने तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी को पत्र लिखकर अपनी गलतियों पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि उन्होंने आरजी कर मामले में एक नागरिक और एक पिता के रूप में प्रतिक्रिया दी थी लेकिन इससे पार्टी के प्रति गलत संदेश गया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह पार्टी के साथ थे, हैं और हमेशा रहेंगे। इस पत्र के बाद तृणमूल कांग्रेस ने उनके खिलाफ चल रही असहजता को खत्म कर दिया। पार्टी के राज्यसभा नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने उन्हें दिल्ली में चल रहे संसद सत्र के दौरान तृणमूल सांसदों की बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, सुखेंदु ने एक सप्ताह पहले तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष से भी बात की थी, जिसके बाद यह मुद्दा ममता बनर्जी तक पहुंचा। पार्टी के इस कदम को सुखेंदु और तृणमूल के बीच रिश्ते सुधारने के रूप में देखा जा रहा है। राज्यसभा में तृणमूल की इस बैठक में बुधवार को सांसदों की भूमिका और विपक्षी गठबंधन ‘इंडी’ के साथ मिलकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की गई।