एक तरफ जहां देश की राजनीतिक पार्टियां सियासी रोटियां सेंकने के लिए लोगों के बीच सांप्रदायिक जहर घोलने का प्रयास कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ धर्मनिरपेक्षता का मिसाल देते हुए महापर्व छठ में बिहार के एक मुस्लिम परिवार ने छठ पूजा की तैयारियों में जुटे हुए हैं। अरवल जिले के चौरम निवासी महमुदीन मंसूरी की पत्नी नजमा खातून छठ पूजा की तैयारियों में लीन हैं। यह मुस्लिम परिवार संतान सुख की प्राप्ति के लिए छठ पर्व आस्था और भक्ति के साथ करता रहा है। नजमा बताती हैं कि उन्होंने करीब आठ वर्ष पहले छठ की शुरुआत की थी, लेकिन बीच में तीन वर्षों के लिए छूट गया था।
आठ वर्ष पूर्व उनकी कोई संतान नहीं थी। चिकित्सक से दिखा कर हार गयीं फिर देवकुंड आकर छठ पर्व करते हुए संतान की अभिलाषा रखी। छठी मइया ने उसकी फरियाद सुन ली और बड़ी बेटी फरजहा ने जन्म लिया। दूसरी बार व्रत किया तो रेहाना का जन्म हुआ। तब से वह इस पर्व को लगातार करते आ रही हैं। इस वर्ष भी देवकुंड पहुंच कर नजमा अपने सास के साथ पर्व की तैयारियों में लगी हैं। उन्होंने बताया कि सहस्त्रोधारा तालाब में मंगलवार शाम और बुधवार सुबह भगवान सूर्य को अर्घ्य देंगी।