'स्वदेश दर्शन योजना के तहत प्रस्तावित बौद्ध सर्किट में ओडिशा को भी शामिल किया जाए’

  • Oct 17, 2021
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भुवनेश्वर, 17 अक्टूबर:

केंद्रीय शिक्षा, कौशल और विकास व उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी को पत्र लिखकर स्वदेश दर्शन योजना के तहत घोषित बौद्ध सर्किट में ओडिशा को शामिल करने के लिए व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत, पर्यटन मंत्रालय ने मध्य प्रदेश, यूपी, बिहार, गुजरात और आंध्र प्रदेश राज्यों में बौद्ध सर्किट विकास के लिए 325.33 करोड़ रुपये की पांच परियोजनाओं को मंजूरी दी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अत्यंत समृद्ध बौद्ध परंपराओं और तीर्थस्थलों के बावजूद ओडिशा को बौद्ध सर्किट में शामिल नहीं किया गया है और न ही इस योजना के तहत ओडिशा में बौद्ध मंदिरों को कोई परियोजना आवंटित की गई है।

 उन्होंने उल्लेख किया कि  कलिंग युद्ध से बहुत पहले बौद्ध धर्म ने ओडिशा में प्रवेश किया था। प्रसिद्ध ओडिशा कवि जयदेव ने भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु के अवतारों में से एक के रूप में वर्णित किया है। प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेन त्सांग का लेखन ओडिशा में बौद्ध धर्म के गौरवशाली अध्याय की पुष्टि करता है। बौद्ध धर्म का प्रभाव ओडिशा के लोगों के सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन में पाया जा सकता है और इतिहास का समृद्ध भंडार राज्य के बौद्ध स्मारकों में परिलक्षित होता है। ओडिशा में विभिन्न बौद्ध स्थल और तीर्थस्थल जैसे धौलगिरी, ललितगिरी, उदयगिरी, रत्नगिरी और जिरांग बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

 प्रधान ने कहा कि इन पवित्र बौद्ध स्थलों पर पर्यटन के विकास की काफी संभावनाएं, राज्य में पर्यटकों की बढ़ती संख्या और उड़िया लोगों की आजीविका में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए मैं स्वदेश के तहत प्रस्तावित बौद्ध सर्किट में ओडिशा को शामिल करने के लिए आपके व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग करता हूं।

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