पश्चिम बंगाल की सरकार राज्य में दिन व दिन बढ़ते प्रदूषण के रोकथाम के लिए सक्रिय है। पर्यावरणविदों का कहना है कि कोलकाता में प्रदूषण 2.5 पीएम पर औसतन असामान्य से 8 गुना ज्यादा यानी करीब 400 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रह रहा है। सर्दी के में लगातार बढ़ते प्रदूषण की वजह से कोलकाता धीरे-धीरे गैस चैंबर के रूप में परिवर्तित होता जा रहा है।
बुधवार को पर्यावरणविद मोहित रॉय ने बताया कि कोलकाता में ध्वनि और वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा होता जा रहा है। ध्वनि प्रदूषण को रोकना चुटकियों का काम है। केवल 90 डेसीबल से अधिक आवाज वाले किसी भी तरह की आवाज पर रोक लगाने के लिए एक सरकारी स्थगन आदेश जारी करना होगा और राज्य प्रशासन को इसे सख्ती से लागू करने का निर्देश देना होगा।
उन्होंने कहा कि भले ही कोलकाता ट्रैफिक पुलिस खुद को देश में सबसे अच्छी बता रही हो लेकिन वायु प्रदूषण के मामले में कोलकाता अब देश के विभिन्न महानगरों को पीछे छोड़ते जा रहा है। राज्य सरकार चाहे तो स्वच्छता को अनिवार्य बनाकर पूरे शहर को साफ-सुथरा बना सकती है| इससे आम लोगों में भी जागरुकता आएगी और लगातार फैल रही श्वास संबंधी बीमारियों पर लगाम लगाया जा सकेगा।