‘अंधविश्वास को रोकने के लिए जागरूकता जरूरी'

  • May 22, 2018
Khabar East:Awareness-is-necessary-to-stop-superstition
केंदुझर,22 मईः

लोग अक्सर विश्वास और अंधविश्वास में फर्क नहीं कर पाते । जो विश्वास किसी भी व्यक्ति को हानि पहुंचाए वह अंधविश्वास है । समाज में बढ रही हिंसा तथा अपराध को रोकना होगा । स्वयंसेवी संस्थान एक्सनएड् और आइडीए के संयुक्त सहयोग से आयोजित कार्यशाला में शामिल केंदुझर जिलापरिषद की अध्यक्षा कमलिनी पात्र ने यह बातें कहीं । ओडिशा डायन आरोप कानून 2013 विषय पर आयोजित परिचर्चा में उन्होंने कहा कि डायन शब्द ही मिथ्य़ा है । लेकिन बचपन से ही डायन के अस्तित्व होने की बात हमारे दिमाग में भर दी गई  है । अकेले रहने वाली महिलाएँ खास कर इस तरह के हिंसा का शिकार हो रही हैं । इस दिशा में स्वयंसेवी संस्थानों की बड़ी अहम भूमिका है । अंधविश्वास रोकने के लिए जागरूकता जरूरी है ।  इस अवसर पर विशिष्ट हेतुवादी देवेंद्र सुतार ने कहा कि डायन के संदेह में हत्या मामलों में फिलहाल केंदुझर दूसरे स्थान पर है । यहां बीते सालों में 68 लोगों को डायन होने के आरोप में मार दिया गया । जिनमें से अधिकांश आदिवासी महिलाएं हैं । उन्होंने कहा कि समाज से इसका मूलोत्पाटन बहुत जरूरी है । ग्राम विकास संस्था के परियोजना निदेशक नृसिंह चरण स्वाईं ने कहा कि डायन से जुड़ी हिंसा से प्रभावित पीड़ितों की हर तरह से सहायता करने के लिए जिला प्रशासन हमेशा से ही तैयार है। इस पीड़ितों को आजीविका मिशन के माध्यम से गोपालन, सिलाई आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा । पंचायत कार्यालय से संपर्क करने पर यह सभी योजनाओं के बारे में सूचना मुहैया कराया जाएगा । इस मौके पर स्वतंत्र विकास परिषद के अध्यक्ष रामराय मुंडिया ने कहा कि आदिवासी कभी कमजोर नहीं होते । जादू--टोना जैसे आंधविश्वास को बढ़ावा देने के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा रहा है । आदिवासियों को अपनी छवि बदलनी होगी । उन्हें दिखाना होगा कि वह भी बेहतरी की तरफ कदम बढ़ाकर समाज के विकास के लिए काम कर सकते हैं । इस कार्यक्रम में एक्सनएड् के प्रोग्राम आफिसर बीएन दुर्गा ने ओडिशा डायन आरोप कानून 2013 पर चर्चा की । कानून की विभिन्न दिशाओं पर चर्चा कर उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में विधवा तथा तलाकशूदा महिलाओं को हिंसा का ज्यादा शिकार बनाया जा रहा है । जमीन अथवा संपत्ति के लिए डायन का नामदेकर उन्हें प्रताडित किया जा रहा है । इस दिशा में कानून की बडी भूमिका है । कार्यक्रम की शुरुआत में आइडीए की सेवती सिंह ने सभी का स्वागत किया तथा भारतीय प्रतिष्ठान की फेलो इतिश्री सिंह राठौर ने कार्यक्रम का संचालन किया । कार्यक्रम में डायन तथा जादूटोना से संबंधित हिंसा से पीडित 60 से ज्यादा लोग शामिल होकर जिला प्रशासन के साथ अपनी परेशानियों के बारे में चर्चा की । 

 

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