चक्रवाती तूफान तितली के जाने के बाद राज्य में जीरो कैजुअल्टी को लेकर राज्य सरकार द्वारा पीटे जा रहे ढिंढोरा का भंडाफोड़ हो गया है। गजपति जिले में चक्रवात के बाद आई बारिश ने तबाही मचा दिया है। जिसके कारण रायगड़ ब्लॉक अंतर्गत गंघाबाड़ पंचायत के बारघर गांव में भारी बारिश के कारण पहाड़ ढहने से 12 लोगों की मौत हो गई। जिसमें 5 बच्चे शामिल हैं। बताया गया है कि अब तक चार लोगों के पहाड़ के मलबे के नीचे दबे हुए हैं। जिनका बचाव कार्य जारी है। इतना ही नहीं इस घटना को खुद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने खुद स्वीकारा है। जबकि वह इससे पहले इस घटना को अस्वीकार कर रहे थे।
जानकारी के मुताबिक चक्रवाती तितली के डर से इस गांव के पांच परिवार के 16 सदस्य घर छोड़कर पास स्थित पहाड़ी की गुफा में चले गए थे। लेकिन लगातार भारी बारिश की वजह से पहाड़ ढह गया। इस घटना में 12 लोगों की मौत हो गई। जिनका शव उद्धार कर लिया गया है। मृतकों का नाम गागन जानी, मीनाक्षी शबर, जिन्झ शबर, जयचंद्र भूंया, चम्पा भूंया, दिनेश भूंया, सुमित्रा भूंया, दंडपाणी भूंया, सोमनाथ जानी, श्रीमती जानी, लालू बेहरा और गंगाधर बेहरा बताया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सचिवालय में एक समीक्षा बैठक करेंगे। जिसके बाद वह मृतकों को मुआवजा देने का ऐलान कर सकते हैं।