ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एक नए संस्करण का गुरुवार को बालेश्वर में ओडिशा के तट से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इस मिसाइल को नई टेक्नोलॉजी से लैस किया गया था, जो परीक्षण के बाद सफलतापूर्वक सिद्ध हो गई। स्वदेशी प्रौद्योगिकी क्रूज मिसाइल का चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज के लॉन्च पैड -3 से सुबह 10.35 बजे परीक्षण किया गया।
यह मिसाइल अधिकतम 1,000 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। इसके अलावा 200-300 किलोग्राम वजन के पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार के हथियार ले जा सकती है।
ब्रह्मोस जिसे भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीएमओ द्वारा विकसित किया गया है, एक सार्वभौमिक लंबी दूरी की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली है। इसे जमीन, समुद्र और हवा से लॉन्च किया जा सकता है।
सिस्टम को एंटी-शिप और लैंड-अटैक भूमिकाओं के लिए दो वेरिएंट के साथ डिजाइन किया गया है। डीआरडीओ के अनुसार, ब्रह्मोस हथियार प्रणाली को शामिल किया गया है और यह भारतीय नौसेना (IN) के साथ-साथ भारतीय सेना (IA) में भी काम कर रही है।
भारत लगातार ब्रह्मोस मिसाइल के नए-नए वेरिएंट का परीक्षण कर रहा है। ये परीक्षण ऐसे समय पर हो रहा है, जब पाकिस्तान और चीन के साथ सीमा पर तनाव बरकरार है। इससे पहले, 11 जनवरी को आधुनिक सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल के नए वेरिएंट का भारतीय नौसेना के गुप्त तरीके से निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत से सफल परीक्षण-प्रक्षेपण किया। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कहा था, ‘ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के समुद्र से समुद्र में प्रहार करने वाले आधुनिक वेरिएंट का आज आईएनएस विशाखापत्तनम से परीक्षण किया गया। मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य पर सटीक तरीके से निशाना साधा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई भी दी थी।