कटक के शक्तिकांत दास आरबीआई के गवर्नर

  • Dec 12, 2018
Khabar East:New-RBI-Governor-from-cuttack-odisha
भुवनेश्वर, 12 दिसम्बरः

राज्य के कटक जिले के आठगढ़ के जेनापदा गांव के शक्तिकांत दास को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नये गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने आर्थिक मामलों के विभाग के पूर्व सचिव शक्तिकांत दास को रिजर्व बैंक के गवर्नर पद पर तीन साल के लिए नियुक्ति को मंजूरी दे दी। शक्तिकांत पहले एसे ओडिया व्यक्ति हैं, जिन्हें आरबीआई के गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया है। दास 1980 बैच के तमिलनाडु काडर के आईएएस अधिकारी हैं। वह वित्त आयोग के सदस्य रह चुके हैं।

शक्तिकांत दास का जन्म 26 फरवरी 1957 को राजधानी भुवनेश्वर में हुआ था। पिता केशवनंद दास और माता शोभामंजरी दास के बेटे शक्तिकांत कटक जिले के आठगढ़ के जेनापदा गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने भुवनेश्वर के डीएम स्कूल से पढ़ाई की है। जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में उन्होंने स्नात्कोत्तर किया है। इसके बाद उन्होंने आईआईएम बेंगलुरू से एडवांस फाइनेंसियल मैनेजमेंट किया। वह 1980 बैच के तमिलनाडु काडर के आईएएस अधिकारी हैं।

आपको बता दें कि उर्जित पटेल ने सोमवार को अचानक गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था। शक्तिकांत दास की पहचान एक ऐसे नौकरशाह के तौर पर है जिन्होंने केन्द्र में तीन अलग अलग वित्त मंत्रियों के साथ सहजता के साथ काम किया। ऐसे में नॉर्थ ब्लॉक से लेकर मिंट स्ट्रीट तक की उनकी यात्रा को एक ऐसे व्यक्ति के तौर पर देखा जा रहा है जो कि जटिल मुद्दों पर आम सहमति बनाने में विश्वास रखते हैं। शक्तिकांत दास को कार्य-क्रियान्वयन में दक्ष और टीम का व्यक्ति माना जाना जाता है।

शक्तिकांत दास को वित्त मंत्रालय में पहली बार 2008 में संयुक्त सचिव के तौर नियुक्त किया गया, जब पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे। इसके बाद संप्रग सरकार में जब प्रणब मुखर्जी ने वित्त मंत्री का कार्यभार संभाला तब भी वह इसी मंत्रालय में डटे रहे और पहले संयुक्त सचिव के तौर पर और फिर अतिरिक्त सचिव के रूप में लगातार पांच साल वह बजट बनाने की टीम का हिस्सा रहे। यह कार्यकाल चिदंबरम और मुखर्जी दोनों के समय रहा।

शक्तिकांत दास को दिसंबर 2013 में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में सचिव बनाया गया लेकिन मई 2014 में केन्द्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद उन्हें वापस वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव बनाया गया। पहले वह मोदी सरकार में कालेधन के खिलाफ उठाये गये कदमों में शामिल रहे और उसके बाद माल एवं सेवाकर को लागू करने में आम सहमति बनाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।

सितंबर 2015 में शक्तिकांत दास आर्थिक मामले विभाग में स्थानांतरित किये गये, जहां उन्होंने नोटबंदी के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नोटबंदी के बड़े झटके के दौरान सरकार का बचाव करते हुये उन्होंने न केवल आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई बल्कि अर्थव्यवस्था में 500 और 2,000 रुपये का नया नोट जारी करने और इसकी आपूर्ति बढ़ाने में भी अग्रणी भूमिका निभाई।

शक्तिकांत दास को एक शांत स्वभाव के व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। अमूमन वह अपना आपा कभी नहीं खोते हैं और आम सहमति से समाधान निकालने पर ज्यादा ध्यान देते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक में गवर्नर की भूमिका में वह आम सहमति से काम आगे बढ़ा सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय के बीच कई मुद्दों पर खींचतान बनी हुई है। इन मुद्दों में रिजर्व बैंक में कोष अधिशेष का उपयुक्त आकार क्या हो। सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रमों सहित विभन्न क्षेत्रों में कर्ज देने के नियमों को उदार बनाना जैसे कई मुद्दे हैं जिनपर वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक आमने सामने रहे हैं।

Author Image

Khabar East