पंचायतीराज दिवस के अवसर पर शुक्रवार को ओडिशा के गंजाम जिले के एक सरपंच को ओडिया नहीं आने पर पद से हटा दिया गया। सरपंच की दो पत्नियां और छह बच्चे हैं।
1994 के ओडिशा ग्राम पंचायत अधिनियम के अनुसार किसी को अगर ओडिया लिखना और बोलना नहीं आता है, या उनके दो से अधिक बच्चे हैं और अवैध रूप से एक से अधिक पति / पत्नी हैं तो वह ग्राम पंचायत में किसी भी पद के लिए योग्य नहीं है। साथ ही वह किसी भी पद के लिए नहीं लड़ सकता।
जानकारी के मुताबिक 2017 में हुए पंचायत चुनावों के दौरान गंजाम जिले के छत्रपुर ब्लॉक अंतर्गत अगस्तिनुआगम ग्राम पंचायत के सरपंच पी सिमाद्री को चुना गया था। सिमाद्री ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी निवासी गौड़ा को हराकर जीत हासिल की थी।
हालांकि, चुनाव हारने के बाद, गौड़ा ने छत्रपुर में सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें ओडिया भाषा का ज्ञान न होने के आधार पर, दो पत्नियों और छह बच्चों के होने के बाद भी सिमाद्री सरपंच के पद पर हैं।
सुनवाई पूरी होने के बाद गौड़ा के वकील श्रीकांत मिश्रा ने कहा चार गवाहों के बयानों के आधार पर छत्रपुर सिविल जज सीनियर डिवीजन ने ओडिया नहीं जानने के लिए स्थायी सरपंच सिमाद्री को अयोग्य ठहराया। न्यायालय ने जिला कलेक्टर को इस संबंध में आगे की कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है।
गौडा ने कहा कि 2017 में पंचायत चुनाव के बाद मैंने सिमाद्री के खिलाफ याचिका दायर की थी। ओडिशा ग्राम पंचायत अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए अदालत ने उन्हें उनके पद से अयोग्य घोषित किया। मेरी साढ़े तीन साल की कानूनी लड़ाई अब खत्म हो गई है। अदालत ने जिला कलेक्टर और संचार अधिकारी को नोटिस भेजकर आगे की कार्रवाई करने के लिए कहा है। अब पद सिमाद्री के बर्खास्त होने के बाद खाली हो जाएगा।