राज्य सरकार की ‘जीरो कैजुअल्टी’ नीति फेल, 52 लोगों की मौत, 2200 करोड़ का नुकसान

  • Oct 17, 2018
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भुवनेश्वर, 17 अक्टूबरः

चक्रवाती तूफान तितली के आने से पहले राज्य सरकार की ओर से सभी जिलों के जिलाधिकारियों को तैयार रहने और जीरो कैजुअल्टीनीति को अपनाने के लिए निर्देश दिया गया था। साथ ही जान-माल की हानि से बचने के लिए भी निर्देश जारी किया गया था। इसके बावजूद सरकार अपनी नीति जीरो कैजुअल्टीको बरकरार रखने में विफल रही। चक्रवाती तूफान तितली और इसके प्रभाव से आए बाढ़ की वजह से हुए नुकसान का निरीक्षण करने के बाद मंगलवार को एक रिपोर्ट जारी की गई जिसमें 26 लोगों की मौत होने की खबर दी गई थी। इसके ठीक एक दिन बाद बुधवार को मुख्य शासन सचिव आदित्य प्रसाद पाढ़ी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अब तक चक्रवाती तूफान और बाढ़ की वजह से 52 लोगों की मौत हुई है, जबकि 2200 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है। पाढ़ी ने कहा कि 500 करोड़ रूपये की सड़कें, 133 करोड़ रूपये की बिजली, 150 करोड़ रूपये के घर और 233 करोड़ रुपये का फसल नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि पहाड़ ढहने और बाढ़ के कारण आए पानी में बहने से अब तक 52 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 10 लोग अब भी लापता है। जिनकी जांच की जा रही है। केवल गजपति में ही 39 लोगों की जान गई है, जबकि गंजाम में 12 और कंधमाल में एक व्यक्ति की मौत हुई है। जिलाधिकारियों के द्वारा समीक्षा के बाद सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर विशेष राहत आयुक्त विष्णुपद सेठी ने लोगों के मरने की जानकारी दी है।

मुख्य शासन सचिव ने कहा कि लगभग 500 करोड़ रूपये का सड़क नुकसान हुआ है, जबकि बिजली विभाग में 133 करोड़, घर नुकसान में 150 करोड़ और इनपुट सब्सिडी में 233 करोड़ रूपये के फसल का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि अगले दो दिन के भीतर अंतिम रिपोर्ट सामने आएगी। इन सभी नुकसान की भरपाई राज्य सरकार की ओर से की जाएगी। अगर जरूरत पड़ी तो केन्द्र सरकार की ओर से मदद के लिए मांग की जाएगी।

वहीं एसआरसी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में पेयजल और बिजली की सुविधा दी जा रही है। अगले दो दिन के भीतर परिस्थिति पूरी तरह सामान्य हो जाएगी। 

    

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