झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शनिवार का झारखंड में उद्योग लगाने के लिए दिल्ली में स्टेक होल्डर कांफ्रेंस कर रहे हैं। वे वहां उद्यमियों के साथ चर्चा कर उन्हें झारखंड में निवेश करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। इस दौरान सीएम ने कहा कि हमारे राज्य में किसी भी उद्योग को स्थापित करने के लिए किसी चीज की कमी नहीं है। केवल चीजों को तराशने और वैल्यू एडिशन की व्यवस्था की कमी है। जिसे आप पूरा कर सकते हैं। उन्होंने उद्यमियों से कहा कि कभी इस देश को टाटा-बिड़ला के नाम से जाना जाता था। उनका उदय भी हमारे राज्य से ही हुआ है। इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन, बोकारो स्टील प्लांट या फिर टाटा स्टील यहां तक किस किसानों के लिए पहला फर्टिलाइजर प्लांट भी झारखंड में ही बना था। इस दौरान उद्योग सचिव पूजा सिंघ और मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने उद्यमियों को नई उद्योग नीति की जानकारी दी।
स्टेक होल्डर कांफ्रेंस का झारखंड के उद्यमियों ने स्वागत किया है। झारखंड चैंबर के पूर्व अध्यक्ष और उद्योगपति दीपक मारू ने कहा कि ये स्वागत योग्य कदम है। लेकिन ये चीजें घर से शुरू होती तो ज्यादा बेहतर होता। जो उद्योग 30-40 साल से राज्य से चल रहे हैं। राज्य को रोजगार और राजस्व दोनों दे रहे हैं। अगर उनसे परेशानियों को जान लिया जाता तो बाहर लोगों को समझाने में बेहतर होता है। उन्होंने कहा कि उद्योग का ब्रांड एबेंस्डर राज्य के उद्यमी ही हो सकते हैं कोई और नहीं।