21वीं सदी की इस युग में आज भी लोग काला जादू व मायावी शक्तियों पर विश्वास रखते हैं। जिसका एक जीता-जागता सबूत ओडिशा राज्य के बलांगीर जिले से मिला है। अपने बेटे की बीमारी को दूर करने के लिए दशहरे के मौके पर एक चाचा ने अपने भतीजे की बली दे दी थी। जिसका खुलासा पुलिस ने किया है। आरोपी मामा कुंजा राणा और रिश्ते के भाई संभावन राणा ने पुलिस के सामने खुद अपना गुनाह स्विकार किया है। कोर्ट ने दोनों की जमानत को रद्ध कर दी है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बलांगीर जिले के रहने वाले इस बच्चे का नाम घनश्याम राणा था। मृतक के मामा कुंजा राणा और चचेरे भाई संभावन राणा को काला जादू व मायावी शक्तियों में बहुत विश्वास है। उन्हें लगा कि यदि वे किसी बच्चे को नवरात्र में बलि देते हैं तो उनके बच्चे की बीमारी दूर हो जाएगी। दोनों ने पुलिस की पूछताछ में अपना जुर्म स्वीकर कर लिया है।
मायावी शक्तियों में यकीन रखने वाले दोनों आरोपियों ने अपने बच्चे की बीमारी को दूर करने के लिए इस बच्चे की हत्या का प्लान बनाया। उन्हें लगा कि नवरात्र में मां दुर्गा को इस बच्ची को बलि देकर मुंहमांगी मुराद पूरी की जा सकती है। इसी वजह से उसने बच्चे की बेरहमी से हत्या कर दी। बता दें कि पिछले साल भी इसी इलाके में इसी तरह की एक घटना सामने आई थी। दुर्गा पूजा के दौरान काला जादू के नाम पर एक बच्चे की हत्या कर दी गई थी।
गौरतलब हो कि 13 अक्टूबर से 9 साल का बच्चा घनश्याम राणा गायब था और तीन दिन बाद ही उसकी लाश घर के पास मिली थी। उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी और उसका सिर घटनास्थल से गायब था। पुलिस का कहना है कि इस मर्डर को बच्चे के मामा और चचेरे भाई ने अंजाम दिया था।