बिहार में लॉजिस्टिक्स सेक्टर के विकास और निवेश को नई गति देने के लिए बिहार सरकार के उद्योग विभाग ने ‘बिहार लॉजिस्टिक्स नीति 2023’ लागू कर दी है। इस नीति के तहत निवेशकों और उद्यमियों को कई बड़े वित्तीय और संरचनात्मक लाभ दिए जा रहे हैं, जिससे बिहार को देश का प्रमुख लॉजिस्टिक हब बनाने की दिशा में मजबूती मिल रही है।
बिहार लॉजिस्टिक्स नीति 2023 के अनुसार, राज्य में अचल पूंजी निवेश करने वाले निवेशकों को पूंजीगत निवेश अनुदान मिलेगा। इसमें अचल पूंजी निवेश का 20 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाएगा, जिसकी अधिकतम सीमा 25 करोड़ तय है। इसके अलावा विभिन्न इकाइयों के लिए अलग-अलग प्रावधान किए गए हैं-
इनलैण्ड कंटेनर डिपो : अधिकतम 10 करोड़ रुपये
वेयरहाउस : अधिकतम 6 करोड़ रुपये
कोल्ड चेन व्यवस्था : अधिकतम 4 करोड़ रुपये
कंटेनर फ्रेट स्टेशन : अधिकतम 3 करोड़ रुपये
नीति के तहत निवेशकों को 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज प्रतिपूर्ति दी जाएगी। यह सुविधा अचल पूंजी निवेश की अधिकतम 50 प्रतिशत राशि तक उपलब्ध होगी और इसकी अधिकतम सीमा 30 करोड़ रुपये तय की गई है।
पूर्व की नीतियों का लाभ भी जारी बिहार लॉजिस्टिक्स नीति 2023 के तहत निवेश करने वाले उद्यमियों को बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 के अंतर्गत मिलने वाले सभी लाभ भी मिलेंगे। इसका मतलब है कि निवेशकों को नई नीति के साथ-साथ 2016 की नीति में उपलब्ध सभी प्रोत्साहनों का लाभ उठाने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क के लिए भी विशेष प्रोत्साहन मिलेगा।