ग्रामीण क्षेत्रों में सुशासन को और अधिक सशक्त करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री मोहन चरण मझी ने रविवार को लोक सेवा भवन से वर्चुअल माध्यम से राज्यभर में 471 ग्राम पंचायत कार्यालयों की आधारशिला रखी। इसी अवसर पर उन्होंने “अंत्योदय गृह योजना” के तहत लाभार्थियों को पहली किस्त की राशि भी वितरित की।
मुख्यमंत्री ने योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को 40,000 की पहली किस्त जारी की। कुल 48,693 लाभार्थियों को यह राशि दी गई, जिससे ग्रामीण ओडिशा के गरीब और वंचित परिवारों को सम्मानजनक आवास उपलब्ध कराने की दिशा में कदम उठाया गया है।
नुआपड़ा और कलाहांडी को छोड़कर सभी जिलों में पंचायत कार्यालयों की आधारशिला रखी गई। प्रत्येक भवन 35 लाख की अनुमानित लागत से केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त वित्तपोषण से बनाया जाएगा। ये भवन “वन-स्टॉप सर्विस सेंटर” के रूप में कार्य करेंगे, जिनमें सरपंच, पंचायत कार्यकारी अधिकारी, कनिष्ठ अभियंता, ग्राम रोजगार सेवक और लेखा-सह-डाटा एंट्री ऑपरेटर के लिए अलग-अलग कक्ष होंगे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि यह पहल राज्य सरकार की गांव स्तर पर प्रशासन और जनसेवा को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि “हमारा मंत्र शासन नहीं, सेवा है।”
30 मार्च 2025 को शुरू की गई अंत्योदय गृह योजना का लक्ष्य वित्त वर्ष 2027–28 तक 5 लाख घरों का निर्माण करना है। इसके लिए 7,550 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है।
योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को 1.20 लाख की सहायता तीन किस्तों में दी जाएगी। पहली 40,000, दूसरी 65,000 और तीसरी 15,000, जो लाभार्थी चार माह में घर का निर्माण पूरा करेंगे उन्हें 20,000 का प्रोत्साहन और छह माह में पूरा करने वालों को 10,000 का इनाम दिया जाएगा।
वर्तमान चरण में 28 जिलों के 48,693 लाभार्थियों को कुल 1,947.72 करोड़ की पहली किस्त जारी की गई है।
योजना में मनरेगा (MGNREGA) के तहत मजदूरी रोजगार का भी प्रावधान है — आईएपी जिलों में 95 दिन और गैर-आईएपी जिलों में 90 दिन का रोजगार। इसके अलावा, सभी घरों में शौचालय और पाइपलाइन जल आपूर्ति जैसी आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “उद्देश्य है कि हर गरीब और असहाय परिवार को सुरक्षित और स्थायी आवास मिले ताकि वे गरिमा के साथ जीवन जी सकें।”
इस अवसर पर पंचायती राज एवं पेयजल मंत्री रबी नारायण नायक ने कहा कि ग्राम पंचायत भवन ग्रामीण प्रशासन का केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक और सुसज्जित भवन नागरिकों की अपेक्षाओं को पूरा करने तथा योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि ये भवन जनसेवा और ग्रामीण विकास के नए मील का पत्थर साबित होंगे।
इस वर्चुअल कार्यक्रम में मुख्य सचिव मनोज आहूजा, पंचायती राज एवं पेयजल विभाग के निदेशक विनीत भारद्वाज, तथा 28 जिलों के अधिकारी शामिल हुए। कमिश्नर-सह-सचिव गिरीश एस.एन. ने स्वागत भाषण दिया, जबकि स्पेशल प्रोजेक्ट डायरेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वाईं ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।