हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व लघु जल संसाधन मंत्री डॉ. संतोष सुमन ने कहा कि कांग्रेस-राजद गठजोड़ की डेढ़ दशक की सरकार में 113 से अधिक छोटे-बड़े नरसंहार हुए, जिनमें दलित गाजर-मूली की तरह काटे गए थे? यह वही दौर था जब राजद के हर कुकृत्य में सरकार में शामिल कांग्रेस बराबर की भागीदार थी। मंत्री सुमन ने कहा कि जब लालू यादव अतिपिछड़ों को 'पँचफोरना' कह कर अपमानित करते और दलितों को धक्का देकर मंच से नीचे उतरते थे तो उनके बगल में बैठे कांग्रेसी नेता ताली बजाते थे। यह वह दौर था जब राजनीति के नव सामंत लालू यादव के बराबर या सामने बैठने की दलितों की हिम्मत नहीं थी। उन्होंने कहा कि 1995 में लालू प्रसाद के पक्ष में बैलेट बॉक्स से निकलने वाला अतिपिछड़ों का ‘जिन्न’ उनकी प्रताड़ना से परेशान होकर ही 2005 के बाद पूरी तरह से एनडीए के पाले में आ गया। राजद-कांग्रेस के लोगों को 15 साल का मौका मिला तो अतिपिछड़ों को अपमानित व दलितों को नरसंहारों की भेंट चढ़ाने का काम किया।
मंत्री सुमन ने कहा कि आज अतिपिछड़ों का भरोसा पूरी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ है। बिहार का दलित व अतिपिछड़ा समाज आज भी अपने अपमान के उन 15 सालों को नहीं भूला हैं, जब सत्ता में बैठे लोगों द्वारा उन्हें दोयम दर्जे का समझा जाता था। राहुल गांधी के झांसे व फरेब में दलित व पिछड़े नहीं आने वाले हैं।