जिला कांग्रेस कमेटी ने एक दिवसीय बीएलए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव भी पहुंचे। टीएस ने विशेष गहन पुनरीक्षण(SIR) को लेकर कार्यकर्ताओं से चर्चा की और जानकारी साझा किया। टीएस सिंहदेव ने SIR की प्रकिया को काफी जटिल बताया। पूर्व मंत्री ने कहा "एसआईआर प्रक्रिया आसान नहीं है। सभी को दो दो पासपोर्ट फोटो खिंचानी पड़ेगी। 10 रुपये का अतिरिक्त भार लोगों पर डाल दिया है। बिजली बिल पहले से बढ़ा हुआ है। सूरजपुर में कितने फोटो ग्राफर है जो लगभग 5 लाख लोगों का इतनी जल्दी फोटो खींच सकेंगे। गांव गांव के लोग कैसे इतनी जल्दी फोटो खिंचवा पाएंगे। इसके बाद फॉर्म भरने की प्रक्रिया, दस्तावेज लगाना भी कठिन है। सिंहदेव ने कहा कि देश के प्रजातांत्रिक इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि मतदाता को खुद अपना प्रमाण देना पड़ रहा है जबकि ये काम चुनाव आयोग का है। वे घर घर जाए और लोगों का नाम लिखे। कहीं कोई गलत लगता है कि उसका नाम मतदाता सूची से हटाएं। बात विदेश की हो रही है तो यहां कौन विदेशी है। गांव के लोग, एक एक मतदाता को फोटो कॉपी कर लगाना है।
सिंहदेव ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सुझाव के विपरीत केंद्र सरकार ने बहुमत के आधार पर ऐसा नियम बना दिया कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की जगह प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और प्रधानमंत्री द्वारा मनोनीत एक केंद्रीय मंत्री को समिति में डाल दिया। जिसकी सत्ता होगी उसी के अनुसार नियुक्ति होगी।