अटलजी ईमानदारी की मिसाल थे, उनके व्यक्तित्व की कोई व्यख्या नहीं: भतीजी करुणा शुक्ला

  • Aug 17, 2018
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रायपुर, 17 अगस्त :

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया साथ ही साथ वह एक पत्रकार एवं कवि के रुप में काम कर चुके हैं, इस बात की जानकारी बहुत ही काम लोगों को है। अटल जी ने जिस पहली कविता का अपने स्कूल में पाठ किया था वह उनके भाई सदाबिहारी बाजपेयी ने लिखी थी। कविता पाठ पर उन्हें इनाम मिला तो घर आकर उसे भाभी को सौंप दिया। बोले- इनाम भले मुझे मिला लेकिन कविता भइया ने लिखी थी। इसके बाद से उन्होंने कविताएं लिखनी शुरू कर दीं

यह संस्मरण सुनाते हुए पूर्व प्रधानमंत्री बाजपेयी की भतीजी पूर्व सांसद करुणा शुक्ला फफक पड़ी। राती बिलखती कस्र्णा ने कहा कि मेरे चाचा में इस तरह की ईमानदारी थी। चाचा(अटल बिहारी बाजपेयी) पापा(सदाबिहारी बाजपेयी) से 16 साल छोटे थे। बड़े भाई की कविता पढ़ते पढ़ते खुद लिखना शुरू कर दिया।

करुणा ने कहा कि मेरे चाचा ईमानदारी की मिसाल थे। उनके व्यक्तित्व का कोई सानी नहीं है। अटल चाचा के जाने से अटल युग अस्त हो गया है। गुस्र्वार सुबह ज्यों ही उन्हें पता चला कि उनके चाचा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत बेहद नाजुक है। वे फ्लाइट से दिल्ली पहुंच गईं। 'नईदुनिया" ने फोन पर पूर्व सांसद कस्र्णा शुक्ला ने कहा कि वह कुछ और बोल पाने की स्थिति में नहीं हैं। इसके बाद वह जोर जोर से फफकने लगीं।

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