एक बड़े साइबर धोखाधड़ी मामले में भुवनेश्वर-कटक पुलिस आयुक्तालय ने राउरकेला से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने कटक के एक व्यक्ति से 13.72 लाख रुपये की ठगी की है। पीड़ित को एक भारतीय क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म के लिए गूगल रिव्यू पोस्ट कर उसके पैसे दोगुने करने का झांसा दिया गया था।
आरोपियों की पहचान पेटीएम और एनएसडीएल से जुड़े कर्मचारी अविनाश ओझा (35), एयरटेल और जियो पेमेंट्स बैंक में कार्यरत जगन साहू (24) और सिम कार्ड विक्रेता प्रतीक चौरसिया उर्फ सिद्धार्थ चौरसिया (21) के रूप में हुई है। सभी राउरकेला के निवासी हैं।
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ओझा धोखेबाजों के लिए बैंक खाते खोलने और बेचने के लिए ज़िम्मेदार था, जबकि साहू ने पहले से सक्रिय सिम कार्ड और खाता किट हासिल किए, जिन्हें बाद में मुंबई, दिल्ली, गुजरात और राजस्थान जैसे शहरों में कूरियर किया गया। चौरसिया ने ये सिम कार्ड अन्य दो आरोपियों को दिए।
6 जुलाई, 2025 को, जगतपुर, कटक निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई कि निशा सिंह नाम की एक महिला ने टेलीग्राम चैनल के ज़रिए उससे संपर्क किया था। उसने एक क्रिप्टोकरेंसी कंपनी के लिए गूगल रिव्यू पोस्ट कर दोगुना रिटर्न कमाने का मौका देने वाला एक लिंक शेयर किया था। इस योजना पर भरोसा कर शिकायतकर्ता ने 16 मई से 29 मई, 2025 के बीच 13,72,070 रुपये ट्रांसफर कर दिए।
धोखाधड़ी का एहसास होने पर शिकायतकर्ता ने पुलिस से संपर्क किया। कटक यूपीडी के साइबर पुलिस स्टेशन ने तुरंत एसआई एल. साहू के नेतृत्व में जांच शुरू की। हालांकि धोखेबाजों द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर बंद थे, फिर भी टीम ने आरोपियों का पता लगाने के लिए लॉगिन डेटा, बैंक लेनदेन, सीडीआर, एसडीआर और आईपीडीआर का विश्लेषण किया।
पुलिस आयुक्त की निगरानी में, पांच अधिकारियों की एक विशेष जांच टीम राउरकेला भेजी गई। स्थानीय पुलिस की सहायता से तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और अदालती कार्यवाही के लिए कटक लाया गया।
इससे पहले, 6 सितंबर, 2025 को इसी घोटाले के सिलसिले में एक अन्य आरोपी, अनुराग पटनायक (21) को राउरकेला से गिरफ्तार किया गया था।
आरोपी से जब्ती की सूचीः
6 मोबाइल फ़ोन
3 आधार कार्ड
3 चेक बुक
10 पासबुक
2,00,000 रुपये की ज़ब्त धनराशि
39 बैंक खाते
पूरे मामले में जांच अभी जारी है। जांच में आगे और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।