छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले को एनीमिया मुक्त बनाने और महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर करने के उद्देश्य से प्रशासन ने एक सराहनीय पहल की है। प्रशासन ने “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” और “एनीमिया मुक्त भारत” अभियान के तहत ‘रक्त शक्ति महा-अभियान‘ की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत जिलेभर में कैंप लगाकर 13 वर्ष से 45 वर्ष तक की आयु वर्ग की महिलाओं का हीमोग्लोबिन टेस्ट किया जा रहा है। यह पूरी प्रक्रिया निशुल्क है और इसका उद्देश्य महिलाओं में खून की कमी को समय रहते पहचानकर इलाज सुनिश्चित करना है।जिले में कुल 230 स्थानों पर मेडिकल टीम लगाई गई है, जो एक ही दिन में व्यापक स्तर पर जांच कर रही हैं। पूरे अभियान में लगभग 65 हजार महिलाओं की जांच का लक्ष्य रखा गया है।
इस महा अभियान की शुरुआत कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी ने की। उनके साथ अपर कलेक्टर नम्रता डोंगरे, एसडीएम ऋचा चंद्राकर, सीईओ नम्रता शर्मा, जिला खेल अधिकारी संजीव डेविड और गौरेला नगर पालिका उपाध्यक्ष रोशनी शर्मा ने भी अपना हीमोग्लोबिन टेस्ट कराकर अभियान को गति दी।इस अभियान को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में खासा उत्साह देखने को मिला है। महिलाएं स्वेच्छा से जांच कैंपों में पहुंच रही हैं और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ रही है।यह महा अभियान जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त पहल है, जो नारी सशक्तिकरण और स्वस्थ समाज की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।