मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मंगलवार को कहा कि ओडिशा अब वास्तविक औद्योगिक परिवर्तन के ऐसे चरण में प्रवेश कर चुका है जो राज्य की आर्थिक दिशा को पूरी तरह बदल देगा। वे उत्कल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री लिमिटेड (UCCIL) द्वारा आयोजित ‘समृद्ध ओडिशा 2036 कॉन्क्लेव’ के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।
सीएम माझी ने सरकार का वह खाका प्रस्तुत किया जिसके तहत राज्य की अर्थव्यवस्था को वर्तमान 120 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 2036 तक 500 बिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। आने वाले एक दशक में यह लगभग पांच गुना विस्तार, उन्होंने कहा, अवसंरचना, औद्योगिकीकरण और कौशल विकास में तेज प्रगति के बूते हासिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि दो लाख करोड़ रुपये के निवेश पहले ही जमीन पर उतर चुके हैं और 84 औद्योगिक परियोजनाओं की आधारशिला रखी जा चुकी है, जिनसे 1.64 लाख लोगों के लिए रोजगार सृजित होगा। वेदांता, अदाणी, जेएसडब्लू, इंडियन ऑयल और ज़ोहो जैसे बड़े समूहों की परियोजनाएं प्रगति पर हैं, जबकि वस्त्र उद्योग और हरित ऊर्जा क्षेत्रों में भी निवेशकों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है।
उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वित प्रयासों से सड़कों, रेल, बंदरगाहों और हवाई अड्डों में हो रहे बड़े सुधारों पर प्रकाश डाला।
माझी ने भुवनेश्वर को पूर्वी भारत के एक प्रमुख तकनीकी केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए कई कदमों की घोषणा भी की। उन्होंने बताया कि शहर में फिनटेक और इंश्योरटेक कंपनियां अपना विस्तार कर रही हैं, प्रमुख आईटी कंपनियों के सहयोग से दो सेमीकंडक्टर इकाइयां स्थापित हो चुकी हैं और राजधानी क्षेत्र रिंग रोड जैसी रणनीतिक परियोजनाएं कटक–भुवनेश्वर कॉरिडोर में बड़े पैमाने पर शहरी विकास को गति देंगी।
वहीं, उद्योग एवं कौशल विकास मंत्री संपद चंद्र स्वाईं ने कहा कि सरकार ने एक वर्ष के भीतर जनता का विश्वास जीत लिया है और ओडिशा को “औद्योगिक क्रांति” के रास्ते पर अग्रसर कर दिया है।
इस अवसर पर ‘समृद्ध ओडिशा 2036’ शीर्षक से एक स्मारिका का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य सचिव मनोज आहूजा, उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव हेमंत शर्मा, UCCIL के अध्यक्ष प्रबोध मोहंती और कई प्रमुख उद्योगपति उपस्थित थे।