ओडिशा के वित्त विभाग ने चिटफंड घोटालों में धन गंवाने वाले छोटे जमाकर्ताओं के लिए रिफंड प्रक्रिया को लेकर एक सार्वजनिक सूचना जारी की है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि छोटे जमाकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी और सभी पात्र आवेदकों से समय-सीमा से पहले इस योजना का लाभ उठाने का आग्रह किया है। विज्ञापन के अनुसार, रिफंड प्रक्रिया दो श्रेणियों के जमाकर्ताओं को लक्षित करती है:
पहली श्रेणी- वे सभी छोटे निवेशक जिन्होंने 10,000 तक की राशि जमा की थी, जिन्हें जांच आयोग द्वारा अनुशंसित किया गया था, लेकिन अभी तक उन्हें रिफंड नहीं मिला है।
दूसरी श्रेणी- गोल्डन लैंड डेवलपर्स के वे जमाकर्ता जिन्होंने 8,000 तक निवेश किया था और पहले चरण में रिफंड से वंचित रह गए थे।
अपने आवेदन की स्थिति जानने के लिए जमाकर्ता संबंधित जिला वेबसाइटों पर जा सकते हैं, जहां लंबित आवेदकों की सूची उपलब्ध है।
इसके अलावा, जांच आयोग से संबंधित मामलों में नाम और शपथ-पत्र संख्या (Affidavit Number), तथा गोल्डन लैंड डेवलपर्स मामलों में आवेदन संख्या दर्ज कर आधिकारिक पोर्टल [www.opid.odisha.gov.in](http://www.opid.odisha.gov.in) पर रिफंड आवेदन की वर्तमान स्थिति देखी जा सकती है।
रिफंड प्राप्त करने के लिए जमाकर्ताओं को आवश्यक दस्तावेजों के साथ अपने संबंधित राजस्व निरीक्षक (Revenue Inspector – R.I) से संपर्क करना होगा। आवश्यक दस्तावेजों में वैध पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड आदि), मूल जमा रसीदें और बैंक खाते का विवरण (खाता संख्या, बैंक का नाम, IFSC कोड) शामिल हैं। बैंक विवरण केवल उन जमाकर्ताओं के लिए अनिवार्य है जिन्हें जांच आयोग द्वारा अनुशंसित किया गया है। सत्यापन के बाद 15 दिनों के भीतर रिफंड की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह रिफंड प्रक्रिया 31 जनवरी 2026 तक खुली रहेगी, जिससे जमाकर्ताओं को अपने दावे प्रस्तुत करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। वित्त विभाग ने सभी छोटे निवेशकों से इस अवसर का लाभ उठाकर अपनी राशि वापस प्राप्त करने की अपील की है।
अधिक सहायता के लिए जमाकर्ता हेल्पलाइन नंबर 0674-2395153 पर कार्यदिवसों में सुबह 11:00 बजे से 1:00 बजे तक और दोपहर 3:00 बजे से 5:00 बजे तक संपर्क कर सकते हैं।
यह पहल राज्य सरकार द्वारा उन हजारों छोटे निवेशकों को राहत प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिन्होंने धोखाधड़ी वाले चिट फंड योजनाओं में अपनी जमा पूंजी खो दी थी।