अपने बयानों और कारनामों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले गोपालपुर विधानसभा सीट से जदयू विधायक गोपाल मंडल एक बार फिर अपने कारनामे को लेकर सुर्खियों में हैं। विधायक गोपाल मंडल ने अपनी ही सरकार के गाइडलाइन को धत्ता बताते हुए नजर आए। विधायक गोपाल मंडल अपने कुछ सहयोगियों के साथ भागलपुर के जहाज घाट से गंगा स्नान कर कांवड़ लेकर भोलेनाथ का जयकारा लगाते हुए जल चढ़ाने बुढ़ानाथ मंदिर पहुंच गए। इस दौरान जिला प्रशासन के निर्देश पर बुढ़ानाथ मंदिर का मेन गेट बंद मिला तो विधायक गोपाल मंडल ने दबंगई दिखानी शुरू कर दी और मुख्य दरवाजा खोलने को कहा। सरकार और जिला प्रशासन के दिशा-निर्देश के मुताबिक जब मंदिर प्रबंधन के लोगों ने मेन गेट का दरवाजा नहीं खोला तो विधायक ने मंदिर प्रबंधक और वहां मौजूद पुजारियों को गेट नहीं खुलने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी। इसके साथ ही करीब एक घंटे तक उन्होंने जमकर हंगामा काटा और मंदिर के गेट को तोड़ने का प्रयास किया। इस दौरान मंदिर प्रबंधन ने इसकी जानकारी स्थानीय जोगसर थाना और जिले के उच्च अधिकारियों को दी। उसके बाद मौके पर पहुंचे जोगसर थाना पुलिस के सब इंस्पेक्टर से गेट खुलवाने को लेकर विधायक जी उलझ भी पड़े। बाद में विधायक जी बुढ़ानाथ मंदिर के समीप एक मंदिर में जल चढ़ाकर वहां से रवाना हुए। जदयू विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि हम विधायक हैं और मेरे आने के बाद दर्शन और पूजा के लिए फाटक खोल देना चाहिए था।
वैसे तो विधायक गोपाल मंडल ने गाइडलाइन को लोगों के हित के लिए बताया लेकिन बुढ़ानाथ मंदिर में प्रवेश नहीं किए जाने से नाराज विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि जिस तरह स्थानीय थाना पुलिस उनके साथ रौब से पेश आई, अगर वह पूजा करने नहीं आए होते तो पुलिसकर्मी का तैश झाड़ देते। जदयू विधायक ने कहा कि वो पूरे देश पर शासन करने को लेकर भोलेनाथ के शरण में आए थे क्योंकि लोग कुर्सी के लिए मरते हैं और हम जनता के लिए।