उपमुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री केवी सिंहदेव ने आज केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से ओडिशा में बिजली क्षेत्र की गंभीर चिंताओं पर सकारात्मक विचार करने का अनुरोध किया। इन चिंताओं में पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत 3069 करोड़ रुपये की धनराशि की शीघ्र स्वीकृति शामिल है। चूंकि ओडिशा अक्सर चक्रवातों और बाढ़ का सामना करता है, इसलिए आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन (सीडीआरआई) ने विशेष रूप से समुद्र तट से 30 किलोमीटर दूर चुनिंदा भूमिगत केबलिंग के साथ आपदा रोधी विद्युत अवसंरचना का प्रस्ताव रखा है। इसलिए, ओडिशा को आपदा रोधी विद्युत अवसंरचना के लिए तत्काल केंद्रीय वित्तीय सहायता की आवश्यकता है।
बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए सिंहदेव ने ओडिशा को पहले चरण में आवंटित 400 मेगावाट के अतिरिक्त, एनएलसी तालाबीरा चरण-2 परियोजना से 800 मेगावाट बिजली आवंटित करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि इससे परियोजना की कुल क्षमता 3200 मेगावाट से बढ़कर 1200 मेगावाट हो जाएगी।
ओडिशा अपने बिजली क्षेत्र के विकास में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि इन स्वीकृतियों से ओडिशा न केवल अपने लोगों को लाभान्वित करेगा, बल्कि देश भर में विश्वसनीय और सुदृढ़ बिजली अवसंरचना सुनिश्चित करने के राष्ट्रीय लक्ष्य में भी योगदान देगा।