नक्सलवाद के खिलाफ चल रहा ऑपरेशन अब निर्णायक दौर में पहुंच गया है। नक्सलगढ़ में फोर्स दशकों से काबिज माओादियों को "न्यूट्रलाइज़" करने के लिए सर्च ऑपरेशन चला रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दावा किया है कि 31 मार्च 2026 तक माओवाद खत्म कर दिया जाएगा। माओवादियों के खात्मे की डेडलाइन को देखते हुए फोर्स तेजी से अपने ऑपरेशन में जुटी है।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने एक बार फिर कहा है कि नक्सली हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो जाएं। एंटी नक्सल ऑपरेशन के चलते बड़ी संख्या में माओवादी हथियार डाल रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक 19 महीनों के दौरान करीब 1550 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। सरेंडर करने वाले नक्सली समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर अब हिंसा से तौबा कर चुके हैं।
बस्तर आईजी ने बताया कि हाल ही में पड़ोसी राज्य तेलंगाना में SZCM कैडर के माओवादियों ने सरेंडर किया था। वहीं सुकमा और नारायणपुर जिले में DVCM रैंक के माओवादियों ने भी सरेंडर किया है। सरेंडर के आंकड़े को देखकर यह साफ है कि अब माओवादी संगठन से लोगों का विश्वास कम ही रहा है। नक्सलियों की सच्चाई आम जनता और आदिवासी जान चुकी है। इनके बहकावे में अब कोई आने वाला नहीं है।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि बस्तर में जिस तरीके से DRG, STF, बस्तर फाइटर्स, कोबरा, CRPF, ITBP, SSB तमाम सुरक्षाबलों के द्वारा माओवादियों के खिलाफ प्रभावी रूप से कार्य किया जा रहा है। जिसके कारण माओवादी संगठन को बीते दिनों बड़ा झटका लगा है।