राज्य सरकार ने बुधवार को भ्रष्टाचार के आरोप में वन विभाग के दो अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है। आय से अधिक संपत्ति और कर्तव्य में लापरवाही को लेकर यह कदम उठाया गया है। जिन दो लोगों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है उनमें एक बालेश्वर जिले के कुलडीहा वन रेंज सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) लक्ष्मण प्रधान और दूसरा सुंदरगढ़ जिले के बिसरा रेंज फॉरेस्टर भरत कुमार घड़ेई हैं। इस संबंध में वन विभाग द्वारा एक आधिकारिक सूचना जारी की गई है।
इससे पहले, एसीएफ प्रधान के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला लोकायुक्त में दायर किया गया था और उन्हें पद से निलंबित कर दिया गया था। कुलडीहा वाइल्डलाइफ रेंजर के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, एक नर हाथी का मृत शरीर गायब हो गया था। विजिलेंस ने उनके खिलाफ धोखाधड़ी के मामले भी दर्ज किए थे।
बिसरा वनपाल भरत कुमार घड़ेई के खिलाफ विजिलेंस में धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। उनके पास आय से अधिक संपत्ति होने का भी मामला सामने आया था।
भ्रष्ट आचरण और उनके खिलाफ दायर मामलों को देखते हुए वन और पर्यावरण मंत्री विक्रम केशरी अरुख ने राज्य सरकार के 5-टी कार्यक्रम के तहत उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है।