पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को स्पष्ट तौर पर कहा कि उन्होंने अब तक एसआईआर के लिए एन्यूमरेशन फॉर्म नहीं भरा है। उन्होंने इसे केंद्रीय एजेंसी और बीजेपी की ओर से बंगाल को टारगेट करने वाले कदम के रूप में बताया और कहा कि उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने अभी तक फॉर्म भरा ही नहीं है। मैं तीन बार केंद्रीय मंत्री, सात बार सांसद और तीन बार मुख्यमंत्री रही हूं। अब मुझे अपनी नागरिकता सिद्ध करनी है? उन्होंने इसे अपमानजनक बताया और कहा कि ऐसे में “तो जमीन पर नाक रगड़ना बेहतर” है।
चुनाव आयोग ने पहले ही स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री और अन्य संवैधानिक पद पर रहे लोग “मार्क्ड इलेक्टर” श्रेणी में हैं। इसका मतलब है कि उन्हें आम मतदाता की तरह एसआईआर फॉर्म भरने की कानूनी आवश्यकता नहीं होती। लेकिन ममता बनर्जी ने इस प्रक्रिया को राजनीतिक रूप से पक्षपाती बताया है और इसे लोकतांत्रिक अधिकारों के खिलाफ कार्रवाई कहा है। ममता बनर्जी ने इसके अलावा आरोप लगाया है कि एसआईआर का उद्देश्य बंगाल में भारी संख्या में मतदाताओं के नाम हटाने की कोशिश है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि एक भी वैध मतदाता का नाम हटाया जाता है, तो वह असीमित धरने पर बैठेंगी। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके रवैये से लोकतंत्र को खतरा है।
बतादें कि पश्चिम बंगाल में एसआईआर के तहत अब तक लगभग 57,000 मतदाताओं ने फॉर्म वापस नहीं किया, जिससे उनके नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल न होने का जोखिम पैदा हो गया है।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि बंगाल के एसआईआर कार्यक्रम के लिए कोई समय-सीमा बढ़ाई नहीं गई, कार्य जारी रहेगा।