राजधानी रांची में मानसून की पहली जोरदार बारिश ने नगर निगम की तैयारियों की पोल खोल दी है। शहर के कई इलाकों में जलजमाव की भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है। नाला का पानी लोगों के घरों में घुस चुका है, जिससे जनजीवन पूरी तरह से अस्तव्यस्त हो गया। पीने के पानी से लेकर बिजली तक की सुविधा ठप हो चुकी है और लोग अपने ही घरों में कैद होकर रह गए हैं। खेलगांव स्थित दीपाटोली मोहल्ला पूरी तरह जलमग्न है। नालियों का गंदा पानी घरों के भीतर घुस चुका है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि घर के अंदर एक से दो फीट तक पानी भर गया है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक भारी परेशानी झेल रहे हैं। न तो पीने का साफ पानी है, न बिजली। जनरेटर सेट भी पानी में डूबकर ठप हो चुके हैं।
कोकर के निचले इलाकों में नालों का पानी सड़क और गलियों से होकर बह रहा है। कई घरों में शौचालय का गंदा पानी भी बैकफ्लो के कारण अंदर आ गया है। महिलाओं और बच्चों को भारी दिक्कत हो रही है। लोगों का कहना है कि यह कोई नई समस्या नहीं है - हर साल यही हाल होता है लेकिन रांची नगर निगम की ओर से स्थाई समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाता है। रमू नदी के किनारे बसे कई घरों में नदी का पानी घुस चुका है। कुछ घरों में लोग ऊपरी मंजिल पर जाकर किसी तरह सुरक्षित हैं लेकिन वहां न तो खाना पका पा रहे हैं और न ही बुनियादी जरूरतों की पूर्ति हो पा रही है।
वहीं स्थानीय निवासियों ने नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि उन्होंने कई बार जलजमाव की समस्या को लेकर शिकायतें दर्ज कराईं है लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। बारिश से पहले नालों की सफाई अधूरी रह गई, जिसका नतीजा आज पूरा मोहल्ला भुगत रहा है।