कुख्यात आपराधिक गिरोह का सरगना गौतम कुमार सिंह उर्फ डब्ल्यू सिंह ने पलामू पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। पलामू एसपी रीष्मा रमेशन के समक्ष डब्लू सिंह के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। गौतम कुमार सिंह उर्फ डब्ल्यू सिंह झारखंड में पहला ऐसा आपराधिक गिरोह का सरगना है जिसने पुलिस के सामने अपने हथियार डाल दिए हैं। पलामू एसपी रीष्मा रमेशन ने बताया कि रविवार रात 10.30 में डब्लू सिंह मेदिनीनगर टाउन थाना पहुंचा था और उनके समक्ष आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण में मेदिनीनगर के पूर्व थाना प्रभारी देवव्रत पोद्दार की बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस लगातार अभियान चला रही है, मुख्यधारा में शामिल होने वाले नक्सलियों के लिए कई योजना है। संगठित अपराध के खिलाफ भी अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस की अपील है कि संगठित अपराध से नहीं जुड़े। वे मुख्यधारा में शामिल हो। न्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत पुलिस सहयोग करेगी। कुख्यात अपराधी डब्लू सिंह ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण के बाद कहा कि वह अब एक सामान्य जीवन जीना चाहता है। जो भी मुख्यधारा से भटक गए हैं वे अपराध का रास्ता छोड़ दें। डब्लू सिंह ने कहा कि झारखंड सरकार और पुलिस की नीतियों से प्रभावित हुआ और उसने आत्मसमर्पण किया है।डब्लू सिंह पर 40 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। झारखंड पुलिस ने डब्लू सिंह पर पांच लाख रुपए का इनाम प्रस्तावित था। 2016 में पलामू कोर्ट ने डब्लू सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी थी। बाद में वह जमानत पर कोर्ट से बाहर निकला था। उसके बाद से वह फरार चल रहा था। डब्लू सिंह का आत्मसमर्पण पलामू पुलिस के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है। डब्लू सिंह पलामू पुलिस के अधिकारियों के संपर्क में आया जिसके बाद उसने आत्मसमर्पण किया।
गौतम कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह मूल रूप से पलामू के लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के फुलांग का रहने वाला है। 2006-07 से डब्लू सिंह अपराध की जगत में सक्रिय रहा है। डब्लू सिंह का नेटवर्क पलामू जिला के साथ साथ गढ़वा, लातेहार, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, रांची और जमशेदपुर समेत कई इलाकों में फैला हुआ था। पलामू पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार डब्लू सिंह पर 37 मामले दर्ज हैं। जिनमें कई संगीन मामले भी शामिल हैं।