जब से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को भवन निर्माण विभाग ने 10 सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास खाली करने का नोटिस दिया है, तब से सियासत गरमायी हुई है। जेडीयू विधान पार्षद और मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने तो मोर्चा ही खोल रखा है। पहले तहखाना और खजाना होने का दावा किया था, अब विभाग को पत्र लिखकर आवास खाली कराने की प्रक्रिया की निगरानी करने की मांग कर दी है। भवन निर्माण विभाग के नाम पत्र में नीरज कुमार ने लिखा कि मीडिया स्रोतों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकारी आवास संख्या-10, सर्कुलर रोड, पटना को राबड़ी देवी और उनके परिवार की गैरमौजूदगी में खाली किया जा रहा है। मीडिया में यह भी प्रकाशित/प्रसारित हुआ है कि रात्रि के समय पिकअप वैन के माध्यम से आवास परिसर से गमले और पौधे बाहर ले जाए गए हैं। जेडीयू प्रवक्ता ने आगे कहा कि ऐसे में भवन निर्माण विभाग यह स्पष्ट करे कि आवास परिसर में लगे गमले और पौधे उद्यान विभाग की संपत्ति हैं अथवा निजी। यदि वे उद्यान विभाग की संपत्ति हैं तो किसके आदेश और अनुमति से उन्हें पिकअप वैन द्वारा हटाया गया? राबड़ी देवी और उनके परिवार की अनुपस्थिति में किसके निर्देश पर पिकअप वैन को आवास परिसर में प्रवेश की अनुमति दी गई?
नीरज कुमार ने कहा कि सरकारी आवासों में माननीय जनप्रतिनिधियों की सुविधा के लिए भवन निर्माण विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार की सामग्री उपलब्ध कराई जाती है, जिनकी सूची विभागीय अभिलेखों में उपलब्ध रहती है। बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और राबड़ी देवी का परिवार वर्ष 2006 से उस सरकारी आवास में रह रहे हैं। इस अवधि में राबड़ी देवी लगातार नेता प्रतिपक्ष के पद पर रहीं, जिन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त होता है।
इसके साथ ही नीरज कुमार ने कहा कि यह भी संज्ञान में लाना आवश्यक है कि विपक्षी नेता तेजस्वी यादव की ओर से पूर्व में भी निराधार आरोप लगाए जाते रहे हैं। ऐसी स्थिति में, जब राबड़ी देवी और उनका परिवार आवास में उपस्थित नहीं हैं और उनकी अनुपस्थिति में आवास खाली किया जा रहा है तो भविष्य में यह आरोप लगाया जा सकता है कि सरकारी सामग्री उनके द्वारा नहीं बल्कि विभागीय लापरवाही या किसी साजिश के तहत हटाई गई, जिससे अनावश्यक राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो सकता है। लिहाजा निगरानी के बीच खाली कराने की प्रक्रिया सुनिश्चित हो।