ओडिशा में सरकारी ज़मीन पर हो रहे अवैध अतिक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। राजस्व मंत्री सुरेश पुजारी ने गुरुवार को प्रभावशाली अतिक्रमणकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि वे तुरंत सरकारी भूमि खाली कर दें, अन्यथा कड़ी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें।
विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री ने कहा कि अतिक्रमणकारियों के पास अभी भी स्वेच्छा से भूमि लौटाने का अवसर है, लेकिन यदि वे आदेश का पालन नहीं करते हैं तो न सिर्फ़ उन्हें बेदख़ल किया जाएगा, बल्कि बेदख़ली प्रक्रिया में होने वाला पूरा खर्च भी उनसे वसूला जाएगा।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि अवैध कब्जा हटाने में आने वाला पूरा खर्च सीधे अतिक्रमणकारियों से लिया जाएगा।
पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए राजस्व विभाग ने सभी तहसीलदारों को राज्य की 320 तहसीलों में अतिक्रमित भूमि का एक व्यापक डेटाबेस तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस डेटाबेस में औद्योगिक भूमि, राजस्व भूमि, सरकारी प्लॉट और वर्तमान में अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों का विस्तृत विवरण शामिल होगा। मंत्री ने जोर देकर कहा कि प्रभावी प्रशासन और योजना के लिए भूमि उपयोग की एक स्पष्ट तस्वीर आवश्यक है।
सरकार ने भूमिहीन गरीबों के लिए मानवीय प्रावधान की घोषणा भी की है। जिन लोगों ने केवल आवश्यकता के कारण भूमि पर अतिक्रमण किया है उन्हें 4 डिसिमल जमीन आवंटित की जाएगी। हालांकि, यह रियायत उन प्रभावशाली व्यक्तियों या समूहों पर लागू नहीं होगी जिन्होंने निजी लाभ के लिए जमीन पर कब्जा किया है।
सरकार की सख्त नीति दोहराते हुए मंत्री ने चेतावनी दी है कि भूमि विनियमन की प्रक्रिया में किसी तरह की बाधा डालने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि भूमि संतुलन बनाए रखना और सरकारी संपत्ति का सही उपयोग सुनिश्चित करना विकास के लिए जरूरी है, और उल्लंघन करने वालों को कड़े परिणाम भुगतने होंगे।