शर्मनाक: सरकार ने दिलाई दाना मांझी घटना की याद, देहाड़ी मजदूर को साइकिल पर ले जाना पड़ा शव

  • Aug 01, 2018
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बौद्ध,01 अगस्त:

राज्य मे दाना मांझी की घटना के बाद एक बार फिर राज्य सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं व व्यवस्थाओं के कारण खुले आम आलोचना हो रही है।

बौद्ध जिले के कंतमाल ब्लॉक के कृष्णापली गांव में इंसानियत को शर्मसार व मानवता पर सवाल खड़ा करने मामला सामने आया है। कृष्णापली गांव का एक देहाड़ी मजदूर को व्यवस्था नहीं मिल पाने पर सीटर–इन-ला (शाली) के शव को साइकिल पर टांग कर ले जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक, देहाड़ी मजदूर की पत्नी व शाली (सीटर–इन-ला) डायरीया की बिमारी पीड़ित थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। अस्पताल में इलाज के दौरान शाली (सीटर–इन-ला) की मौत हो गई, वहीं पत्नी का इलाज जारी है।

आश्चर्य की बात है कि बौद्ध जिले विधानसभा के स्पीकर प्रदीम अमात का क्षेत्र हैं। बौद्ध जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था का पूरा व्यख्या बताने के लिए केवल एक तस्वीर काफी है।

ओडिशा में पिछले 18 सालों से लगातार बीजू जनता दल की सरकार सत्ता में बनी है। कुछ दिन पहले केंद्र सरकार की योजना आयुष्माण भारत योजना को नाकारते हुए बीजू जनता दल के सुप्रीमो नवीन पटनायक ने राज्य में बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना का शुभारंभ किया। राज्य सरकार ने केंद्र की आयुष्मान भारत योजना पर अपनी दलिल देते हुए कहा कि केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत समूचे ओडिशा वासियों को राहत नहीं प्रदान कर सकती है। इसलिए में हम राज्य के एक-एक परिवार की उतम स्वास्थ्य व्यवास्था प्रदान करने की जिम्मेदारी के साथ बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना को शुभारंभ किये हैं।

बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना के अंतर्गत महिलाओं को प्रदान की जाने वाली 7 लाख की राशि व्यर्थ रह जाता है। महिलाओं को 7 लाख की राशि से ज्यादा जरुरत उन्हें अस्पताल तक जाने व अस्पताल से आने के लिए सुविधाएं की जरुरत हैं।

राज्य सरकार द्वारा लागू किया गया बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना जमीनी स्तर पर व्यर्थ रहा है। 

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