बिहार विधानसभा के मानसून सत्र का आज अंतिम दिन है। विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तनाव चरम पर है। विपक्षी दलों, विशेष रूप से आरजेडी, कांग्रेस और वामपंथी दलों ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सदन के अंदर और बाहर लगातार विरोध प्रदर्शन किया है। विपक्ष ने विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान को लेकर सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि मतदाता सूची से 52 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, जिसमें 18.7 लाख मृत घोषित, 26 लाख स्थानांतरित और 7.5 लाख डुप्लिकेट मतदाता शामिल हैं। विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और इसका मकसद आगामी विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन को लाभ पहुंचाना है। तेजस्वी यादव ने आंकड़ों के साथ इस अभियान को "लोकतंत्र के खिलाफ साजिश" करार दिया है।वहीं, दूसरी ओर, सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर बेवजह हंगामा करने और सदन की मर्यादा भंग करने का आरोप लगाया है।
आज सत्र के अंतिम दिन प्रश्नकाल से कार्यवाही शुरू होने की उम्मीद है, लेकिन हंगामे के कारण इसके सुचारू रूप से चलने पर संदेह है। प्रश्नकाल में विभिन्न विभागों से संबंधित सवालों के जवाब दिए जाने हैं, और ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर भी चर्चा प्रस्तावित है। इसके अलावा, गैर-सरकारी संकल्पों के माध्यम से विधायक अपने क्षेत्र की समस्याओं और विकास योजनाओं को उठाने वाले हैं।