ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन माझी ने योग को विश्व के लिए भारत की ओर से एक अमूल्य उपहार बताया और स्वास्थ्य, सद्भाव और शांति की संस्कृति को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में शनिवार को कलिंग स्टेडियम में आयोजित राज्य स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में यह बात कही।
ओडिशा सरकार के खेल और युवा सेवा विभाग ने कलिंग स्टेडियम में राज्य स्तरीय योग समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी मुख्य अतिथि थे। उन्होंने सामूहिक योग अभ्यास में भाग लिया और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में योग के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम में योग के प्रति उत्साही, छात्र और नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिन्होंने योग का अभ्यास किया और इस अवसर का जश्न मनाया।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित किया, जबकि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भुवनेश्वर में राज्य स्तरीय योग समारोह में बात की।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि योग केवल शारीरिक व्यायाम या कुछ आसनों तक सीमित नहीं है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि योग शारीरिक व्यायाम से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह शारीरिक, बौद्धिक, मानसिक और आध्यात्मिक पहलुओं का अनूठा मिश्रण है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय संस्कृति और योग परंपरा से जन्मा योग किसी धर्म विशेष तक सीमित नहीं है। इसके बजाय, यह शरीर, आत्मा और विचार प्रक्रिया को जागृत करता है, जिससे यह सभी जातियों, पंथों और धर्मों के लोगों द्वारा सार्वभौमिक रूप से स्वीकार्य और सराहा जाता है।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ओडिशा में वे योग को सभी के लिए सुलभ बना रहे हैं। वे स्कूलों, कॉलेजों, छात्रावासों और खेल केंद्रों के माध्यम से कार्यशालाओं और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। योग को स्कूली कार्यक्रमों व सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों में शामिल करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। इसका लक्ष्य एक स्वस्थ, आत्मनिर्भर, कुशल और सशक्त ओडिशा का निर्माण करना है।