बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने बीते कुछ वर्षों में तकनीक का इस्तेमाल करते हुए कई अभिनव प्रयोग किए हैं। किसी कड़ी में अब समिति ने छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया है। बोर्ड की ओर से डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन सिस्टम (DVS) सॉफ्टवेयर लॉन्च कर दिया गया है। इसके जरिए इंटर और मैट्रिक उत्तीर्ण छात्रों के शैक्षणिक दस्तावेजों का सत्यापन अब घर बैठे एक क्लिक पर हो सकेगा। इस पहल से छात्रों के साथ साथ प्राइवेट कंपनियों और सरकारी संस्थाओं को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बिहार बोर्ड ऑफिस का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने इस सॉफ्टवेयर का औपचारिक शुभारंभ करते हुए बताया कि नई व्यवस्था लागू होने के बाद इंटर, मैट्रिक, शिक्षक पात्रता परीक्षा, डीएलएड और अन्य परीक्षाओं से जुड़े प्रमाण पत्रों का वेरीफिकेशन पूरी तरह डिजिटल माध्यम से किया जाएगा। इसके साथ ही डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन शुल्क का भुगतान भी ऑनलाइन ही किया जाएगा। आनंद किशोर ने बताया कि ऑनलाइन डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया biharboardonline।com पोर्टल के माध्यम से पूरी की जाएगी। इसके लिए संबंधित संस्थानों को सबसे पहले डीवीएस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि बिहार बोर्ड देश में ऐसा पहला राज्य परीक्षा बोर्ड बन गया है, जिसने दस्तावेज सत्यापन की व्यवस्था को पूरी तरह ऑनलाइन किया है। बिहार बोर्ड के अध्यक्ष ने यह भी बताया कि बोर्ड पहले ही इंटर और मैट्रिक के परीक्षा परिणाम समय पर जारी करने के मामले में देश में अग्रणी रहा है। अब पेपरलेस व्यवस्था की दिशा में यह एक और महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 2026 से यह पूरा प्रोसेस डिजिटल हो जाएगा और मैनुअल मोड में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी तरह बंद हो जाएगी।