पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल जारी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में पूर्व सांसद केडी सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। प्रवर्तन निदेशालय की उनपर लंबे वक्त से नजर थी। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जब केडी सिंह अपनी ट्रांजैक्शन के बारे में सफाई नहीं दे सके, उसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें गिरफ्तार किया। केडी सिंह पूर्व में तृणमूल कांग्रेस की ओर से राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। बुधवार को इस एक्शन के बाद टीएमसी की ओर से सफाई दी गई कि अब केडी सिंह का उनकी पार्टी से कोई संबंध नहीं है। केडी सिंह की गिरफ्तारी को लेकर बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी टीएमसी पर निशाना साधा है। शुभेंदु ने कहा कि केडी सिंह की कंपनी ने लाखों लोगों से बंगाल में धोखा किया, उन्होंने ही नारदा कंपनी को स्पॉन्सर किया था। एजेंसी को उनकी संपत्ति सीज कर लोगों को पैसा देना चाहिए।
प्रवर्तन निदेशालय को इससे पहले भी केडी सिंह के ठिकानों पर छापेमारी में कई जरूरी कागजात, विदेशी करेंसी और कैश मिला था। साल 2018 में ही केडी सिंह पर PMLA के तहत केस शुरू किया गया था। केडी सिंह की कंपनी अल्केमिस्ट इन्फ्रा रियलटी लिमिटेड पर ईडी ने 2016 में केस दर्ज किया था। यह मामला PMLA के तहत दर्ज किया गया था। आरोप था कि इस कंपनी ने लोगों को करीब 1900 करोड़ रुपये का चूना लगाया था। SEBI की ओर से कंपनी, इसके डायरेक्टर और शेयर होल्डर्स पर मामला दर्ज किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से इससे पहले भी केडी सिंह की संपत्ति को सीज किया गया था। केडी सिंह की करीब 239 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई थी, जिसमें रिजॉर्ट, शोरूम और बैंक खाते भी शामिल थे। केडी सिंह के ठिकानों पर ईडी पहले भी छापेमारी कर चुकी है।