लोक आस्था एवं विश्वास का चार दिवसीय महापर्व छठ मंगलवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही सम्पन्न हो गया। छठव्रतियों का उत्साह उस वक्त और बढ़ गया जब प्रदेश के मुखिया भी उनके बीच पहुंच गए। बतादें कि ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माजी ने भी मंगलवार को अपनी पत्नी प्रियंका मरांडी के साथ भुवनेश्वर के कूआखाई नदी घाट पर छठ पूजा की रस्में अदा की और राज्य के लोगों की भलाई की कामना की। पूजा के अलावा, मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी ने सूर्य देव को 'अर्घ्य' अर्पित किया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि छठ पूजा हमें यह सिखाती है कि जीवन का वास्तविक आधार प्रकृति, जल, वायु और सूर्य की शक्ति है। इस पर्व के माध्यम से हम प्रकृति और पर्यावरण के प्रति अपनी आभार व्यक्त करते हैं। इस प्रकार, हम प्रकृति से प्रेरणा प्राप्त करते हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि छठ पूजा का एक प्रमुख पहलू इसकी सरलता है, जिसमें किसी प्रकार का दिखावा या आयोजन नहीं होता, बल्कि यह पूजा भक्ति और आध्यात्मिक अनुशासन पर केंद्रित होती है। यह पर्व स्वच्छता और व्यवस्था का एक अनूठा उदाहरण है, जो इसके मूल में है। जबकि छठ पूजा पारंपरिक रूप से उत्तर भारतीय राज्यों जैसे बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाई जाती है, मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि अब ओडिशा में भी यह पर्व बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। उन्होंने राज्य की प्रगति, किसानों, श्रमिकों, युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण और हर घर में खुशहाली की कामना की।
मुख्यमंत्री के दौरे के चलते छठ घाट पर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए थे। पूरी रात सुरक्षा टीम घाट पर तैनात रही। छठ व्रतियों को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो, इसके लिए प्रशासन की तरफ से सुचारू व्यवस्था की गई थी। दमकल की टीमें भी मौके पर तैनात थीं।
इससे पहले सोमवार की शाम भुवनेश्वर के पुलिस आयुक्त एस.देवदत्त सिंह भी घाट पर पहुंच कर आयोजकों से बात करने के साथ सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था।
इस कार्यक्रम में कई प्रमुख गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे, जिनमें बिस्वास फाउंडेशन के अध्यक्ष राजकुमार, उपाध्यक्ष अजय बहादुर सिंह, महासचिव आशोक भगत और बिहार विकास परिषद के समन्वयक आनंद मोहन शामिल थे।