पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच कर रही एसआईटी प्रमुख अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर कोई मानदेय नहीं लेंगी। गुरुवार को उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य कार्यवाहक न्यायाधीश राजेश बिंदल को सूचित किया है। उनको इस काम के लिए 10 लाख रुपये दिए जाने थे। दूसरी ओर, कलकत्ता हाईकोर्ट प्रशासन ने एक अन्य आदेश में राज्य के सभी अनुमंडल व जिला अदालतों को सामान्य कामकाज फिर से शुरू करने का निर्देश दिया है। बता दें कि चुनाव के बाद हिंसा जैसे हत्या और दुष्कर्म जैसे मामलों की जांच का आदेश कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई को दिया है, तो सिट भी कम महत्वपूर्ण मामले की निगरानी करेगी। राज्य सरकार द्वारा सिट गठन करने के बाद अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश को सिट का प्रमुख बनाया था। अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर ने इस बाबत अदालत को सुचित किया है कि वह इस बाबत कोई भी मानदेय नहीं लेंगी। हाईकोर्ट की रजिस्ट्रार जनरल अनन्या बनर्जी ने बताया कि हाईकोर्ट प्रशासन के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि निचली अदालतों को सप्ताह के सभी कार्य दिवसों में सामान्य रूप से कार्य करना चाहिए।
मामलाकारी व अधिवक्ता सशरीर, वर्चुअली अथवा हाइब्रिड (सशरीर और वर्चुअली) तरीके से अदालत में उपस्थित हो सकते हैं। हाईकोर्ट प्रशासन ने कोविड-19 संबंधी नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा है। इस संबंध में कई दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं। अधिवक्ता, उनके कर्मचारी और मुवक्किल कोरोना का दोनों टीका लगवाने अथवा पेशी से 72 घंटे पहले की गई आरटीपीसीआर रिपोर्ट के आधार पर ही अदालत में पेश हो सकेंगे। कोर्ट परिसर में मास्क पहनना और सफाई की व्यवस्था अनिवार्य है। कोर्ट में भीड़ लगाए बिना और शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए मामले की सुनवाई की जाए।