केंद्रीय शिक्षा मंत्री और संबलपुर सांसद धर्मेंद्र प्रधान ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) से ओडिशा की 14 जातियों, जिनमें खंडायत समुदाय भी शामिल है, को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने का आग्रह किया है।
उन्होंने एनसीबीसी के अध्यक्ष हंसराज अहीर को पत्र लिखकर ओडिशा राज्य की सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) सूची में शामिल समुदायों- खंडायत, पाइक, चास पाइक, लिया, पाइकली, कलिंगी शूद्र खंडायत, महानायक शूद्र, ओड़ा-खंडायत, बयालिश, ओड़, ओड़ पाइक, ओड़ पाइको, हलदिया तेली और राजश्रिबलासी/बलासी को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने का अनुरोध किया है।
प्रधान ने राज्य और केंद्र की सूची के बीच असमानता को उजागर करते हुए कहा कि ओडिशा में एसईबीसी के रूप में मान्यता प्राप्त कई समुदाय केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल नहीं हैं। इसकी वजह से इन समुदायों के सदस्यों को केंद्रीय सरकारी नौकरियों, शैक्षणिक एवं व्यावसायिक संस्थानों में प्रवेश और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता।
उन्होंने कहा कि “इन समुदायों को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने से उनके सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और यह ओडिशा के इस बड़े सामाजिक समूह के अधिकार सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।”
वर्तमान में ओडिशा सरकार एसईबीसी समुदायों को राज्य सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा में 11.25 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करती है। इसके विपरीत, केंद्र सरकार केंद्रीय नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण देती है।